मुख्यपृष्ठस्तंभजब दे मेट!..भाग १६

जब दे मेट!..भाग १६

-डॉक्टर और `ड्रग्स आफ टेररिस्ट’!

मनमोहन सिंह

एजेल, एन्ना को सीरिया में हो रहे राजनीतिक उथल-पुथल की कहानी सुना रहा था। भले ही एजेल तुर्की का था, लेकिन उसने एक बड़ा वक्त सीरिया में गुजारा था। एन्ना बड़े चाव से कहानी सुन रही थी। सुनती क्यों नहीं भला, राशाद जो उस देश का था, जिससे वह बेइंतहां मोहब्बत करती थी। जब एजेल ने बार-बार डॉक्टर का जिक्र किया तो उसकी उत्कंठा जाग उठी। उसने सवाल किया था एजेल से। डॉक्टर कौन था और उसका सीरिया की राजनीति से क्या संबंध था?
`डॉक्टर यानी बशर अल-असद, सीरिया के प्रेसिडेंट। डॉ. असद से पहले उनके फादर हाफिज अल-असद ने सीरिया पर एक चौथाई सदी से ज्यादा वक्त तक राज किया था। डॉ. बशर ने २००० में सीरिया की गद्दी संभाली। जब डॉक्टर के पास सत्ता आई तो उसके ऑटक्रेट फादर अजीज आवाम को लगा कि यह नया प्रेसिडेंट उनकी जिंदगी में खुशी ले आएगा, लेकिन उनके इस खुशखयाली ख्वाब को टूटते वक्त नहीं लगा। वह भी अपने बाप जैसा ही निकला। हालांकि वह दिलासा देता रहा कि अच्छा वक्त आएगा।’
`बसर ने लंदन से डॉक्टरी की और आंख के डॉक्टर बन गए। वहीं पर उनकी आंख लड़ी अस्मा से जो ब्रिटेन में ही पढ़ी लिखी और एक बैंकर थी। कहा तो यहां तक जाता है कि डॉक्टर की तानाशाही में उसका भी बराबरी का साथ है।’
`जहां तक डॉक्टर का सवाल है तो उसे अपने देश के लोगों से कोई ज्यादा लेना-देना नहीं है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है सीरिया में ड्रग्स प्रोडक्शन!’
`एक ड्रग है वैâप्टॉगॉन! शायद तुमने कभी इसका नाम सुना होगा। कितनी अजीब बात है कि डॉक्टर जिसे पता है कि यह ड्रग कितना खतरनाक है और उसका देश इस ड्रग्स का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है। यह देश के सोर्स आफ इनकम का सबसे बड़ा जरिया है।’
`वाशिंगटन का एक थिंक टैंक है न्यू लाइन इंस्टिट्यूट ऑफ पॉलिसी एंड स्ट्रेटेजी। उसकी रिपोर्ट साफ-साफ कहती है कि सीरिया के प्रेसिडेंट बशर अल असद के करीबी `वैâप्टागॉन’ ड्रग के प्रोडक्शन और एक्सपोर्ट में शामिल हैं! हां यह बात अलग है कि वहां की सरकार हमेशा इस आरोप को गलत कहती रही है। उसका दावा है कि सीरिया एक ड्रग प्रâी कंट्री है।’
`ऐसा वैâसे हो सकता है? कोई देश का मालिक अपने देश में ड्रग्स मैन्युपैâक्चरिंग क्यों करेगा?’ अन्ना ने सवाल किया।
`इसका जवाब मैं दे सकती हूं…!’ एक्रिन ने कहा।
`ओके गो अहेड…’ एजेल ने हंसते हुए कहा।
दरअसल, `सीरिया एक लंबे अरसे से सिविल वॉर में फंसा रहा है, जिसकी वजह से सीरिया की इकॉनमी बर्बाद हो गई है। ऊपर से उस पर कई इंटरनेशनल प्रतिबंध हैं। इसकी वजह से उसकी इकोनामी सुधर नहीं पा रही। ऐसे में वैâप्टागॉन के मैन्युपैâक्चरिंग से और वह डॉलर बिजनेस होता है।’ एक्रिन ने कहा।
`मैं तुम्हें और एक बात बताना चाहूंगा। यह ड्रग लगभग उन सभी कंट्रीज में अवेलेबल है या कह सकते हैं कि उन सभी देश के लोग इसका सेवन करते हैं, जिन देशों की राजनीतिक और आर्थिक हालात खराब है, जहां की जिंदगी ना काबिले बर्दाश्त है, जिनको बहुत ज्यादा काम करना पड़ता है। इस ड्रग को लेने के बाद वहां कीगरीब आवाम अपनी भूख और दर्द से निजात पा लेती है। इसके सेवन के बाद उनको लगता है कि ताकत बढ़ गई है। इससे भूख भी मर जाती है और नींद भी। यही वजह है कि उन देशों के हुक्मरान इस ड्रग्स को इतना अवेलेबल कर देते हैं कि लोग इसका सेवन करें और भूल जाएं कि जिंदगी कितनी जलालत भरी है।’ एजेल ने अपना वाक्य पूरा किया।
`इज दिस ट्रू एजेल? आई डॉन’ट बिलीव..!’ एन्ना ने अपनी आंखें बड़ी करते हुए कहा।
`तुम्हें इसे मानना ही होगा। यह बिल्कुल सच है…।’ एक्रिन ने जवाब दिया।
`सीरिया ही नहीं, अरब के कई रईस पॉलिटिकल रसूख रखने वाले भी इस ड्रग्स मैन्युपैâक्चरिंग से जुड़े हुए हैं, क्योंकि इसकी डिमांड वर्ल्डवाइड बढ़ती जा रही है। यह पहले इस्लामिक स्टेट का सबसे बड़ा सोर्स ऑफ इनकम था इसे `ड्रग्स ऑफ टेररिस्ट’ भी कहते हैं। मैंने अभी जिक्र किया था कि सिविल वार में फंसे देशों के गरीब लोग इसका सेवन करते हैं इसलिए इसे `गरीबों का कोकीन’ भी कहते हैं।’ एजेल ने अपनी बात पूरी की। कमरे में सन्नाटा छा गया। बेलडोर से सन्नाटा टूटा।

अन्य समाचार