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भाजपा की हार पर जैन-मेहता की लड़ाई ने लगा दी मुहर …मीरा-भायंदर चुनाव में आपसी रंजिश परवान पर

अमर झा / भायंदर
मीरा-भायंदर की १४५ विधानसभा सीट इस समय चर्चा का विषय बनी हुई है। इस सीट को लेकर महायुति खासकर बीजेपी के काफी लोग पसोपेश में हैं। इस सीट की स्थिति इतनी जटिल हो गई है कि सोमवार शाम तक बीजेपी किस उम्मीदवार को टिकट देगी उसका पैâसला नहीं कर पाई थी। बता दें कि मीरा-भायंदर में सोमवार को वर्तमान विधायक गीता जैन, मुजफ्फर हुसैन, नरेंद्र मेहता, अरुण कदम ने अपना-अपना नामांकन फॉर्म भरा। मुजफ्फर हुसैन ने महाविकास आघाड़ी की तरफ से कांग्रेस के टिकट पर फॉर्म भरा, जबकि अरुण कदम ने निर्दलीय रूप में पर्चा दाखिल किया। उत्तर भारतीय नेता हंसु पांडे ने तीन दिन पूर्व ही निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया है।
निश्चित है महायुति की हार
मीरा-भायंदर के लोगों का कहना है कि इस बार चुनाव में भाजपा की हार सुनिश्चित है। इसका कारण बताते हुए वे कहते हैं कि एक तो भाजपा की कार्यशैली से लोग नाराज हैं। दूसरे खुद को भाजपा का चेहरा बताने वाले ही यहां के काम में अड़ंगा लगाने का काम कर रहे हैं। स्मार्ट सिटी की बात छोड़िए, यहां मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है।
जैन-मेहता-व्यास का मुकाबला
बात केवल जैन और मेहता की लड़ाई की ही नहीं है। इस पूरी पिक्चर में भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष एड. रवि व्यास भी कमर कसे हुए हैं। वे भी अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। यानी कुल मिलाकर इस सीट पर त्रिकोणीय (जैन-मेहता-व्यास) मुकाबला देखने को मिल सकता है। इन तीनों नेताओं की लड़ाई में बीजेपी आलाकमान भी पस्त होते दिखाई दे रहा है।
तो निर्दलीय लड़ेंगी गीता जैन 
कहा तो यह भी जा रहा है कि गीता जैन को अगर भाजपा से टिकट नहीं मिला तो वे पिछली बार की तरह इस बार भी निर्दलीय ही लड़ेंगी। हालांकि, वे अभी भी निर्दलीय विधायक हैं। पिछली बार उन्हें जनता का प्यार मिला था लेकिन इस बार रिजल्ट क्या होगा, यह तो आने वाले कुछ समय में पता चल जाएगा।

जैन-मेहता की लड़ाई सुनिश्चित 
मीरा-भायंदर में गीता जैन और नरेंद्र मेहता एक-दूसरे के कट्टर दुश्मन माने जाते हैं। गीता जैन कई बार नरेंद्र मेहता पर उनका राजनीतिक वैâरियर खत्म करने का आरोप लगा चुकी हैं तो वहीं नरेंद्र मेहता भी गीता जैन पर उनके खिलाफ षड्यंत्र रचने का आरोप लगाते रहते हैं। अब एक बार फिर से दोनों आमने सामने आ गए हैं। बताया जा रहा है कि गीता जैन और नरेंद्र मेहता ने दो-दो नामांकन फॉर्म भरे हैं। दोनों ने निर्दलीय और बीजेपी की तरफ से फॉर्म भरा है। एक तरफ गीता जैन बीजेपी का टिकट पाने के लिए जी-जान से जोर लगा रही हैं तो दूसरी तरफ गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस से करीबी होने पर नरेंद्र मेहता भी अपना पॉवर लगा रहे हैं। यानी कुल मिलाकर जैन-मेहता की लड़ाई सुनिश्चित है।

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