मुख्यपृष्ठस्तंभजीवन दर्पण : डिप्रेशन भागेगा दूर,  करें शिव की आराधना

जीवन दर्पण : डिप्रेशन भागेगा दूर,  करें शिव की आराधना

 डॉ. बालकृष्ण मिश्र

गुरुजी, शारीरिक एवं मानसिक रूप से परेशानियां बन रही हैं?
– आशीष रमेश मिश्रा
(जन्म- १२ जनवरी १९८८, समय- दिन में ४.५९, स्थान- भदोही, उत्तर प्रदेश)
आशीष जी, आपका जन्म मंगलवार के दिन चित्रा नक्षत्र के प्रथम चरण में हुआ है और आपकी राशि कन्या बन रही है। शारीरिक एवं मानसिक रूप से आप जो परेशान हैं, ग्रहण के कारण ही आपकी परेशानियां बनी हुई हैं क्योंकि सात-आठ महीने से कन्या राशि परेशानियों में चल रही है। लग्न के आधार पर अगर हम आपकी कुंडली को देखें तो धनु लग्न में आपका जन्म हुआ है और आपकी राशि कन्या के दशम भाव पर केतु के साथ चंद्रमा बैठा हुआ है, जो आपको मानसिक उलझन में डाल के रखता है। मंगल ग्रह आपकी कुंडली में १२वें भाव पर बैठा है, जिस कारण डिप्रेशन भी बना रहता है। डिप्रेशन को दूर करने के लिए भगवान शिव की आराधना करें। शिव की आराधना से ही आपका डिप्रेशन दूर होगा। लाल मसूर की दाल किसी सफाईकर्मी को देने के साथ ही चांदी का चंद्रमा शिव जी को समर्पित करें।

गुरुजी, मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है। मेरी शिक्षा वैâसी रहेगी?
– आनय विनीत तिवारी
(जन्म- १० जनवरी २०१८, समय- दिन में ९.०० बजे, स्थान- प्रयागराज, उत्तर प्रदेश)
विनीत जी, आपके पुत्र आनय का जन्म बुधवार के दिन स्वाति नक्षत्र के प्रथम चरण में होने से उसकी राशि तुला बन रही है। लग्न के आधार पर अगर हम देखें तो कुंभ लग्न में आपके बेटे का जन्म हुआ है। छठें भाव का स्वामी चंद्रमा कुंडली में भाग्य भाव पर और देवगुरु बृहस्पति के साथ में छठें भाव पर ही राहु बैठा हुआ है। इस बालारिष्ट योग के कारण स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता। आनय की मां को पूर्णिमा का व्रत करने के साथ ही चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए और चांदी का तीन चंद्रमा बनवाकर पूर्णिमा को शिवजी को समर्पित करना चाहिए। आपकी शिक्षा अच्छी होगी, लेकिन एकाग्रता के साथ ही स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरूरी है।

गुरुजी, मेरी राशि क्या और शिक्षा कैसी रहेगी?
– श्री तिवारी
(जन्म- ३ दिसंबर २०१९, समय- दिन में २.१६, स्थान- प्रयागराज, उत्तर प्रदेश)
तिवारी जी, आपका जन्म मंगलवार के दिन हुआ है। आपकी राशि कुंभ बन रही है और कुंभ राशि का स्वामी शनि है। राशि के आधार पर अगर हम देखें तो कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है। यदि लग्न के आधार पर हम देखें तो मीन लग्न में आपका जन्म हुआ है। मीन लग्न का स्वामी बृहस्पति आपकी कुंडली में दशम भाव पर और मंगल आपकी कुंडली में अष्टम भाव पर बैठ करके आपकी कुंडली को मांगलिक बनाया है। आपकी कुंडली में चंद्रमा १२वें भाव पर बैठा है। चंद्रमा के कारण कभी-कभी स्वास्थ्य की दिक्कत भी आती होगी। आपको शनि का उपाय करना चाहिए। शनि का उपाय करने से मन एकाग्र होगा। मन को एकाग्र करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।

गुरुजी, मेरा करियर कैसा रहेगा। क्या धन प्राप्ति हो सकती है?
– प्रद्न्या जाधव
(जन्म- ५ जनवरी १९९०, समय- १७.५४, स्थान- गोवंडी, मुंबई)
प्रद्न्या जी, आपका जन्म शुक्रवार के दिन अश्विनी नक्षत्र के द्वितीय चरण में हुआ है और आपकी राशि मेष बन रही है। लग्न के आधार पर अगर हम देखें तो मिथुन लग्न में आपका जन्म हुआ है। आपकी राशि से दूसरे स्थान पर देवगुरु बृहस्पति बैठे हैं और आपकी कुंडली में १२वें भाव का स्वामी शुक्र अष्टम भाव पर बैठा है, जो विपरीत राजयोग बना रहा है। इसी राजयोग के कारण आपके जीवन में अचानक धन की प्राप्ति भी हो सकती है, लेकिन अष्टम भाव पर राहु शुक्र के साथ बैठा हुआ है। आपकी कुंडली में धन भाव पर केतु बैठा हुआ है, जहां से धन का विचार किया जाता है। इस कारण अचानक धन प्राप्ति के लिए आपको कुछ उपाय भी करना चाहिए। निश्चित ही आपके जीवन में अचानक धन प्राप्ति होगीR। आपके करियर को देखें तो करियर के लिए भी आप प्रयास करें यदि आपके पास अच्छी एजुकेशन है तो निश्चित आपको अच्छी जॉब मिलेगी, इसमें कोई संदेह नहीं। मैरिज के बाद आपके करियर का विकास होना चाहिए, लेकिन बृहस्पति दो केंद्रों का स्वामी है, इस कारण आपको बल नहीं मिल पा रहा है। इसके लिए आप विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ सुनें।

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