डॉ. बालकृष्ण मिश्र
मेरे जीवन में विकास नहीं हो पा रहा है। मैं कुछ बचत नहीं कर पा रहा हूं। मैं क्या करूं?
-विकास तिवारी
(जन्म १५ नवंबर १९८८, समय ९:१० बजे सुबह, प्रयागराज-उत्तर प्रदेश)
विकास जी, आपका जन्म मंगलवार के दिन उत्तरा नक्षत्र के चतुर्थ चरण में हुआ है। राशि आपकी मकर बन रही है। आपकी राशि से शनि की साढ़ेसाती उतर रही है। धनु लग्न में आपका जन्म हुआ है और सूर्य ग्रह आपकी कुंडली में भाग्य भाव का स्वामी है, जो नीच राशि का होकर लाभ भाव पर बैठा है। शुक्र ग्रह आपकी कुंडली में लाभ भाव का स्वामी है। वो नीच राशि का होकर भाग्य भाव पर बैठा है। साथ ही आपकी कुंडली में पराक्रम भाव पर राहु और दर्शन भाग्य भाव पर केतु बैठा हुआ है। यही वजह है कि कुंडली में भाग्य ग्रहण दोष बना है। आप चाहकर भी कोई भी कार्य सफल नहीं कर पाते। जीवन को सुखमय बनाने के लिए भाग्य ग्रहण दोष की पूजा करवानी चाहिए और माता-पिता का सम्मान करते हुए आगे बढ़ सकते हैं। दशम भाव और सप्तम भाव के स्वामी सूर्य ग्रह के साथ बैठने से बुधादित्य योग बन रहा है। इस योग के कारण आप निश्चित विकास करेंगे। जीवन को विस्तार से जानने के लिए आपको संपूर्ण जीवन दर्पण गोल्ड बनवाना चाहिए।
गुरुजी, मेरी शादी में क्यों रुकावट आ रही है?
-प्राची तिवारी
(जन्म २ अगस्त १९९४, सुबह ११:०० बजे, जौनपुर- उत्तर प्रदेश)
प्राची तिवारी जी, आपका जन्म मंगलवार के दिन रोहिणी नक्षत्र के द्वितीय चरण में हुआ है। राशि आपकी वृषभ बन रही है। कन्या लग्न में आपका जन्म हुआ है और कन्या लग्न में ही नीच राशि का शुक्र बैठा हुआ है। आपकी कुंडली में शुक्र ग्रह नीच राशि का होने के कारण जीवनसाथी का चयन करने में अड़चन आ रही है। आपकी राशि में सप्तम भाव और चौथे भाव का स्वामी देवगुरु बृहस्पति राहु ग्रह के साथ बैठकर चांडाल योग बना रहे हैं और कालसर्प योग भी बन रहा है। इन योगों के कारण जीवनसाथी के चयन में अड़चन आ रही है। आपकी कुंडली में राहु की महादशा चल रही है, जो १६ जुलाई २०२५ तक चलेगी। इसके बाद देवगुरु बृहस्पति की महादशा आ जाएगी, उसी में आपकी शादी होनी है। शुक्र को मजबूत करने के लिए आप शुक्रवार के दिन आधा किलो चावल, आधा लीटर दूध और आधा किलो चीनी किसी गरीब को नौ शुक्रवार दें। जीवन को विस्तार से जानने के लिए आपको संपूर्ण जीवन दर्पण गोल्ड बनवाना चाहिए।
गुरुजी, मेरी राशि क्या है और क्या मेरी कुंडली मांगलिक है?
-ऋषभ उमेश सिंह
(जन्म २६ अगस्त १९९९, दोपहर १२:१० बजे, सुलतानपुर -उत्तर प्रदेश)
ऋषभ जी, आपका जन्म गुरुवार के दिन धनिष्ठा नक्षत्र के तृतीय चरण में हुआ है। राशि आपकी कुंभ है। वृश्चिक लग्न में आपका जन्म हुआ है, जिसका स्वामी मंगल आपकी कुंडली के लग्न में बैठकर मांगलिक बना रहा है। मांगलिक कुंडली होने के कारण जीवनसाथी का निर्धारण करने से पहले मंगल चंडिका स्त्रोत का पाठ एवं अर्क विवाह जरूर करवा लीजिएगा। यह पूजा करना आपके लिए विशेष लाभदायक होगा। कुंडली में पराक्रम भाव पर केतु और भाग्य भाव पर राहु बैठा है, जिसके कारण भाग्य ग्रहण दोष भी बन रहा है। इस दोष के कारण वर्तमान समय में आप मेहनत के आधार पर उसका फल प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं। आपकी राशि में शनि की साढ़ेसाती भी चल रही है। इस पूजा से आपका करियर भी बढ़ेगा और मैरिज लाइफ भी अच्छा रहेगा। जीवन को विस्तार से जानने के लिए संपूर्ण जीवन दर्पण गोल्ड बनवाना चाहिए।
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