मुख्यपृष्ठधर्म विशेषजीवन दर्पण : एकाग्रता से काम करेंगे तो शिक्षा अच्छी होगी

जीवन दर्पण : एकाग्रता से काम करेंगे तो शिक्षा अच्छी होगी

 डॉ. बालकृष्ण मिश्र

गुरुजी, मेरी राशि क्या है? मेरा स्वास्थ्य और मेरी शिक्षा वैâसी होगी?
-अंकुर यादव
(जन्म १४ अक्टूबर २०१३, रात्रि ११:५८ बजे, मुलुंड-मुंबई
अंकुर जी, आपका जन्म सोमवार के दिन धनिष्ठा नक्षत्र के चतुर्थ चरण में हुआ है। आपकी राशि कुंभ बन रही है। कुंभ राशि पर इस समय शनि की साढ़ेसाती दूसरे चरण की चल रही है। आपका जन्म मिथुन लग्न में हुआ है। शनि आपकी कुंडली में अष्टम भाव का भी स्वामी है और नवम भाव का स्वामी शनि उच्च राशि का होकर पंचम भाव पर बैठकर आपकी एजुकेशन को अच्छा बनाएगा। वैसे शनि राहु ग्रह के साथ में ही बुध ग्रह भी बैठा है। जो लग्न भाव का स्वामी होता है वह ठीक नहीं है। शनि के साथ में यदि राहु ठीक रहता है और शिक्षा स्थान पर बैठता है तो शिक्षा में मेहनत के आधार पर पूरी तरह से फल नहीं देने देता है। हालांकि, भाग्य भाव का स्वामी पंचम भाव पर बैठा है और भाग्य भाव पर चंद्रमा बैठा है, जो द्वितीय भाव का स्वामी है। चंद्रमा के आगे पीछे कोई ग्रह ही नहीं है इस कारण आपकी कुंडली में केमद्रुम योग बना है। मन की एकाग्रता से यदि काम करेंगे तो आपकी शिक्षा भी अच्छी होगी। आपका स्वास्थ्य भी अच्छा होगा, लेकिन आपके स्वास्थ्य को अच्छा बनाने के लिए आपकी मां को प्रदोष व्रत रखना चाहिए। जीवन के विस्तार को जानने के लिए आपको संपूर्ण जीवन दर्पण भी बनवाना चाहिए।

गुरुजी, मेरी राशि क्या है? क्या मेरी कुंडली में गवर्नमेंट नौकरी प्राप्त करने का अवसर मिलेगा?
-प्रीति यादव
(जन्म २६ मार्च २००७, जन्म दोपहर १२:१० बजे, घाटकोपर-मुंबई)
प्रीति जी, आपका जन्म सोमवार के दिन आर्द्रा नक्षत्र के चतुर्थ चरण में हुआ है और राशि मिथुन बन रही है। मिथुन लग्न में जन्म हुआ है और मंगल ग्रह आपकी कुंडली में छठे भाव का स्वामी हो करके आठवें भाव में उच्च राशि का होकर बैठा है। आपकी कुंडली में गवर्नमेंट सर्विस का योग दिखाई दे रहा है, लेकिन सूर्य ग्रह ११ अंश का है और सूर्य के घर में पराक्रम भाव पर केतु बैठा हुआ है। साथ ही भाग्य भाव पर बुध ग्रह के साथ राहु बैठा है, जिसके कारण आपकी कुंडली में भाग्य ग्रहण दोष बना हुआ है। इस दोष के कारण आपको बार-बार असफलता भी मिलने के संकेत हैं, लेकिन ग्रहों का निवारण करने के बाद गवर्नमेंट सर्विस प्राप्त करने के अवसर बढ़ जाएंगे। अष्टम भाव में मंगल के बैठने के कारण आपकी कुंडली मांगलिक भी है, जिससे जीवनसाथी का चयन करने में सावधानी रखना होगा। जीवन को विस्तार से जानने के लिए आपको संपूर्ण जीवन दर्पण बनवाना चाहिए।

गुरुजी, मेरा स्वास्थ्य कैसा रहेगा और मेरी शिक्षा कैसी होगी?
-ऐश्वर्या यादव
(जन्म ३ अक्टूबर २०१८, दोपहर १:१५ बजे, मुलुंड-मुंबई
ऐश्वर्या जी, आपका जन्म बुधवार के दिन पुनर्वसु नक्षत्र के तृतीय चरण में हुआ है और राशि मिथुन बन रही है। धनु लग्न में जन्म हुआ है। १२ वें भाव का स्वामी मंगल उच्च राशि का होकर कुंडली में द्वितीय भाव पर बैठा है। द्वितीय भाव का स्वामी शनि मारकेश होकर कुंडली के लग्न में बैठा है। इसी कारण बाल्यावस्था में आपका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहा होगा, लेकिन वर्तमान में बृहस्पति की महादशा २८ मार्च २०२५ को समाप्त हो गई। २९ मार्च से शनि की महादशा प्रारंभ हो रही है। शनि आपकी कुंडली में मारकेश भी है और दूसरे भाव का स्वामी होकर लग्न में बैठा है। आपकी कुंडली में कुलिक नामक कालसर्प योग भी बना है। इसी कारण आपका स्वास्थ्य ठीक नहीं होता। स्वास्थ्य को अनुकूल बनाने के लिए कुलिक नामक कालसर्प योग की पूजा करवाना आपको आवश्यक है। जीवन के विस्तार को जानने के लिए संपूर्ण जीवन दर्पण गोल्ड बनवाना चाहिए।

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