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आधार कार्ड पर गरमाई झारखंड की सियासत! …पांच जिलों में जितनी आबादी नहीं उनसे ज्यादा बनाया गया आधार कार्ड

पक्ष और विपक्ष फिर आमने-सामने

अनिल/रांची

झारखंड में चुनाव संपन्न होने के बाद हेमंत सोरेन के नेतृत्व में नई सरकार का गठन हो चुका है। चुनाव के पहले भारतीय जनता पार्टी और झारखंड की सत्ता में पुनः बैठने वाले झारखंड मुक्ति मोर्चा द्वारा बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे थे। बांग्लादेशी घुसपैठ को इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने मुख्य मुद्दा बनाया था। लेकिन इसके बावजूद वह झारखंड में इस बार भी सत्ता से बाहर रही। चुनाव संपन्न होने और सरकार के गठन होने के बाद पुनः झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। विधानसभा चुनावों में आबादी से अधिक वोटर कार्ड का मामला सामने आया था। इस संबंध में भारतीय जनता पार्टी ने सत्तारुढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत भी किया था। आरोप लगाया था कि चुनाव जीतने के लिए बांग्लादेशियों के नाम से फर्जी वोट बनाए गए हैं। वहीं अब जनसंख्या से अधिक आधार कार्ड का मामला सामने आने के बाद एक बार फिर से राज्य में सियासत गरमा गई है। अब इस मामले में सत्तारूढ़ झामुमो ने देश के गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

झारखंड के संथाल परगना सहित सीमावर्ती जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा कोई नया नहीं है। इसी तरह के एक मामले की सुनवाई पहले से सुप्रीम कोर्ट में भी लंबित है। इसी बीच एक बेहद चाैंकाने वाला मामला प्रकाश में आया है। राज्य के पांच जिलों में जनसंख्या से भी ज्यादा आधार कार्ड बनाए गए हैं। इसी तरह के आरोप विधानसभा चुनावों के दौरान भी लगे थे। उस समय आरोप लगा था कि जनसंख्या से ज्यादा वोटर कार्ड बन गए हैं। कई इलाकों में तो मतदाताओं की संख्या में 130 फीसदी से भी अधिक पायी गई थी।

विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अचानक से मतदाताओं की संख्या में हुई वृद्धि को भारतीय जनता पार्टी ने मुद्दा बनाने की कोशिश की थी। निर्वाचन आयोग में शिकायत दी गई थी कि चुनाव जीतने के लिए बांग्लादेशी घुसपैठियों के वोटर कार्ड बनाए गए हैं।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक लोहरदगा जिले की कुल आबादी 5,58,849 है। जबकि यहां पर 6,08,111 लोगों के आधार कार्ड बने हैं। इस हिसाब से आधार कार्ड आबादी के सापेक्ष करीब 108.80 फीसदी ज्यादा बने हैं। इसी प्रकार साहिबगंज जिला में 104.40 फीसदी वोटर कार्ड बने हैं। यहां कुल आबादी 13,92,393 है। लेकिन आधार कार्ड 14,53,634 लोगों के बने हैं। पाकुड़ जिले में भी कुल आबादी 10,89,673 के सापेक्ष आधारकार्ड 11,36,959 लोगों के बना दिए गए हैं।यह आंकड़ा 104.34 फीसदी से ज्यादा है।ठीक इसी प्रकार से लातेहार जिले में भी कुल आबादी 8,79,774 के सापेक्ष आधार कार्ड 9,04,150 लोगों के बने हैं। गढ़़वा जिले में कुल आबादी 16,00,807 के सापेक्ष 16,20,376 लोगों के आधार कार्ड बनाए गए हैं। मामला सामने आने के बाद भारतीय जनता पार्टी के रांची से विधायक और राज्य के पूर्व मंत्री सीपी सिंह ने प्रदेश सरकार को घेरने की कोशिश किया है। उन्होंने कहा कि लंबे समय से वह इस मुद्दे को उठा रहे थे।इस समय हालात ऐसे बन गए हैं कि संथाल में बंगलादेशियों की भरमार हो गई है। उन्होंने इन बांग्लादेशियों पर लव जिहाद का भी आरोप लगाया है। उन्होंने मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। वहीं झारखण्ड में कांग्रेस के मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश करते हुए कहा कि आधार कार्ड केंद्र सरकार बनाती है। यह साफ तौर पर केंद्र सरकार की विफलता और देश के गृह मंत्री की फैल्योरिटी है। भाजपा के नेताओं में थोड़ी भी नैतिकता बची है तो वह देश के गृहमंत्री से सीधा सवाल करें। उन्होंने कहा कि देश के गृहमंत्री से बॉर्डर नहीं संभल रहा है। आधारकार्ड की प्रक्रिया नहीं संभल रही तो उन्हें पद पर भी बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।इस तरह पक्ष और विपक्ष बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर झारखंड में आमने-सामने है। लेकिन इसका समाधान कैसे निकलेगा यह आने वाले समय ही बताएगा।या हर चुनाव में यह पक्ष और विपक्ष का ऐसा ही मुद्दा बनकर रह जाएगा।

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