-देवास में पत्रकारों से संवाद में बोले `दोपहर का सामना’ के निवासी संपादक अनिल तिवारी-एआई को जरूरी टूल समझकर अपनी कार्यशैली में बदलाव लाएं
सामना संवाददाता / विदिशा
`दोपहर का सामना’ के निवासी संपादक अनिल तिवारी शुक्रवार को देवास में पत्रकारों से रु-बरु हुए। आपने बीते समय और बदलते दौर की पत्रकारिता को लेकर पत्रकारों से अपने विचार साझा किए और कहा कि महानगरों में तो अब कॉपी-पेस्ट जर्नलिज्म बाकी बचा है, छोटे कस्बों और शहरों में ही पत्रकारिता नजर आती है।
आने वाला समय आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का है, जो सतही तौर पर तो खतरे की तरह नजर आ रहा है, मगर यह एक जरूरी बदलाव है, जो हमारे जीवन के साथ पत्रकारिता की दुनिया में भी जबरदस्त बदलाव लाने वाला है। इसलिए इसे एक जरूरी टूल समझकर हम अपनी कार्यशैली में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
उन्होंने कहा कि किसी भी खबर को लेकर पत्रकार को तीन जरूरी बातों का ध्यान रखना जरूरी है कि जो छापे वो सत्य हो, जिसमें पर्दे के पीछे की भी कहानी उजागर हो और खबर लोगों को जोड़ सके। सोशल मीडिया और तुरत-फुरत खबरों पर पूछे जाने पर अनिल तिवारी ने कहा कि छोटी-छोटी बातों का सिरा पकड़कर लोग आज बड़ी फ्रेम में आकर प्रसिद्धि पाना चाहते हैं, इसीलिए अनावश्यक टिप्पणियां जरूरत से ज्यादा जगह घेर रही हैं। सोशल मीडिया की निरंकुशता के कारण कई बार सही बात भी या तो दब जाती है या फिर विवादों का कारण बन जाती है।
कार्यक्रम में प्रेस क्लब अध्यक्ष ललित शर्मा, पूर्व प्रेस क्लब अध्यक्ष श्रीकांत उपाध्याय, अतुल बागलिकर, शेखर कौशल, मोहन वर्मा, दिलीप मिश्रा, सौरभ सचान, अतुल शर्मा, सुरेश जायसवाल, अर्पित, अमित व्यास, इकबाल कुरेशी, खुमानसिंह बैस, उदय आरस, सुनील पांडेय, राजेश पाठक, धीरज सेन, ओपी सेन, आनंद गुप्ता समेत शहर के सभी पत्रकार उपस्थित थे।