-`दोपहर का सामना’ के निवासी संपादक अनिल तिवारी ने बताई बदलती पत्रकारिता और उसकी चुनौतियां
-आईकॉम सेंटर पर शहर के वरिष्ठ पत्रकारों ने किया नागरिक अभिनंदन…साझा किया अनुभव
सामना संवाददाता / ग्वालियर
आजादी से पूर्व पत्रकारिता एक मिशन हुआ करती थी। स्वतंत्रता के बाद फैशन बनी और मौजूदा परिवेश में कमीशन तक पहुंच गई है। यह कहना है मुंबई के प्रतिष्ठित हिंदी समाचार पत्र `दोपहर का सामना’ के निवासी संपादक अनिल तिवारी का। इंटरनेशनल सेंटर ऑफ मीडिया एक्सीलेंस (आईकॉम) पर “एआई के दौर में बदलती पत्रकारिता और उसकी चुनौतियां“ विषय पर आयोजित व्याखान में मुख्यवक्ता के तौर पर बोलते हुए उन्होंने यह बात कही।
सेंटर डायरेक्टर डॉ. केशव पाण्डेय ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि `दोपहर का सामना’ जैसे समाचार पत्र पत्रकारिता को नई दिशा प्रदान करते हैं।
पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम बढ़ाने वाले युवाओं को समझना और जानना होगा कि आधुनिक परिवेश की पत्रकारिता में आने वाली चुनौतियां क्या हैं और उनसे कैसे पार पाया जा सकता है? कार्यक्रम का संचालन प्रतिभा दुबे ने तथा आभार विजय पाण्डेय ने माना।
एआई का करें बेहतर इस्तेमाल
मुख्य वक्ता अनिल तिवारी ने कहा कि पत्रकारिता में आज कई बड़ी चुनौतियां हैं। तकनीक के बढ़ते प्रभाव से काम आसान हुआ है। जिस स्टोरी को बनाने में तीन घंटे लगते थे, उसे एआई तीन मिनट में बना कर देता है, तो सोचिए हमारा स्थान कहां है? ऐसे में जरूरी हो जाता है कि एआई को टूल के रूप में इस्तेमाल करें न कि उससे प्रतिस्पर्धा। जिससे कि समय के साथ होने वाले बदलाव को अवसरों में बदला जा सके। हमें तकनीक को अपने से आगे नहीं होने देना है, तभी हम टिक पाएंगे।
डिजिटल युग में आज कट और पेस्ट का जमाना है। सब कुछ एक क्लिक पर मौजूद है, लेकिन आज का युवा आज में जी रहा है न वह भविष्य को देख रहा है और न ही भूत को। पत्रकार एक आम आदमी होता है, लेकिन उसके देखने, सोचने और लिखने का नजरिया ही उसे खास बनाता है। इसलिए समय के साथ अपने को बदलें और अपडेट होते रहें, नहीं तो वक्त के साथ पिछड़ जाएंगे।
पत्रकारों ने किया सम्मानित
व्याख्यान के बाद सर्व प्रथम सांध्य समाचार के प्रधान संपादक डॉ. केशव पाण्डेय ने शॉल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेंट कर तिवारी का नागरिक अभिनंदन किया। इस दौरान वरिष्ठ पत्रकार रामबाबू कटारे, सुरेश शर्मा, राजेश शर्मा, देव श्रीमाली, प्रमोद भार्गव, प्रवीण दुबे, विजय पाराशर, जावेद खान, नासिर गौरी, विजय पाण्डेय, हरीश पंवार, राजेंद्र मुदगल, पीडी पाण्डेय, बबलू भोसले, राजेश अवस्थी, मंजू सोनी, जितेंद्र जादौन, आशीष मिश्रा, विनोद शर्मा एवं विदिशा के दीपक तिवारी सहित अनेक पत्रकारों ने भी उनका सम्मान किया।