उमेश गुप्ता / वाराणसी
बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में स्थित भगवान राम के नाम पर एक ऐसा अनूठा बैंक जहां की कार्य प्रणाली तो बिल्कुल किसी साधारण बैंक की ही तरह है, लेकिन यहां पैसे की जगह जमा राम का नाम जमा होता है। देश-विदेश से लोग यहां राम का नाम जमा करने आते हैं।
राम रमापति बैंक नाम का यह बैंक काशी के दशाश्वमेध क्षेत्र के विश्वनाथ गली त्रिपुरा भैरवी में स्थित है। यहां सारा लेन-देन भगवान राम के नाम पर ही होता है। धर्मं और आध्यात्म में आस्था रखने वाले इस बैंक के ग्राहक बनकर पुण्य कमाते हैं। यहां कर्ज उन्हीं भक्तों को दिया जाता है, जो कि अति दुखी, दीन, अभिमान रहित होकर श्रीराम लला जी के शरण में आते हैं।
इस बैंक की शुरुआत आज से 88 साल पहले यानि सन 1927 में की गयी थी। उस वक्त इस बैंक में केवल दो ही खातेदार थे, लेकिन आज यहां पूरे देश में लाखों की संख्या से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं। यहां आने वाले लोगों का विश्वास है कि यहां से जुड़ने के बाद उनके साथ सब कुछ अच्छा ही होता है और मन वांछित फल भी प्राप्त होता है। यहां जमा राम का नाम और इसे जमा करने का उद्देश्य भी वही लाभ कमाना है, लेकिन यहां आर्थिक नहीं आध्यात्मिक लाभ होता है। वो भी कई गुना ज्यादा। इस बैंक में स्त्री हो या फिर पुरुष सभी लाभ उठाते हैं। किसी भी दिन में 12 बजे से शाम 4 बजे तक इस बैंक में कोई भी आकर अपने दुखों को दूर करने के लिए राम नाम का कर्ज ले सकता है और मन वांछित फल भी पाने के लिए यहां से कर्ज ले सकता है।
राम रमापति बैंक के प्रबंधक सुमित मल्होत्रा ने बताया कि संवत 1983 में श्री 108 स्वामिनाथ जी के शिष्य श्री बाबा सत् राम दास जी के द्वारा दीन-दुखियों की सेवा करने के लिए किया गया था। हर वर्ष की चैत्र मॉस की रामनवमी को यहां वर्षिकोत्सव मनाया जाता है और इसी दिन लाखों भक्तो के द्वारा हस्त लिखित राम नामों को प्रदर्शित किया जाता है।
मान्यता ये भी है कि एक श्री राम नाम की परिक्रमा के प्रताप से गणेश भगवान तीनों लोक में प्रथम पूज्य हो गए थे, तो यहां मौजूद 19 अरब 1 करोड़ से अधिक राम नाम की परिक्रमा से कितना पुण्य मिलेगा। चैत्र मास की रामनवमी को हर साल राम नाम की परिक्रमा करने वालों की भीड़ हर साल आती है और ये परिक्रमा पूरे दस दिन तक चलता रहता है।
उन्होंने बताया कि सिर्फ अपने देश के भक्त यहां नहीं, बल्कि सात समंदर पार से भी इस बैंक से जुड़े लोग हैं, जो कि पत्राचार और फोन के द्वारा राम नाम का कर्ज लेते हैं। यही नहीं एक बार जो यहा आ जाता है, वो क्रमश: अपने पूरे परिवार को इस बैंक का सदस्य बनाता चला जाता है। साथ ही इस बैंक के कुछ सख्त नियम भी हैं। यहां सवा लाख राम नाम लिखने के लिए आठ माह का वक्त दिया जाता है और इस अवधि में पूर्ण शुद्धता का भी ध्यान देना परम आवश्यक है।
इस दौरान राम नाम का कर्ज लेने वाले को प्याज, लहसुन, मांस, मदिरा सहित तामसी भोजन से दूर रहना होगा। एक इंसान को केवल चार बार यहां से राम नाम का कर्ज मिलता है। अपने मन की शांति के लिए और भगवान राम की भक्ति के लिए भक्त बाकायदा लिखा- पढ़ी के साथ राम नाम का कर्ज यहां जमाकर भक्ति आ संचय करते हैं।
अब तक यहां राम नाम का संग्रहों की संख्या 19 अरब से ऊपर हो चुकी है। इस बैंक में 8 महीने 10 दिन का कर्ज भगवान राम के नाम पर मिलता है, जिसे सवा लाख बार राम नाम लिख कर चुकता किया जाता है। ये राम नाम बाकायदा सफेद कागज पर लाल रंग से लिखा जाता है। यही नहीं इस बैंक से स्याही, पेन, दवात और कागज सब मिलता है। बैंक से मिलने वाले पार्थना पत्र ही भक्त को कर्ज लेने से पहले अपना उद्देश्य लेने का यानि कि मनोरथ को लिख ही देना पड़ता है।