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एमएमआरडीए के हाथ में ‘कटोरा’ …लीज पर प्लाट्स देकर उतारेगी भारी भरकम कर्ज का बोझ

सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट ऑथारिटी (एमएमआरडीए) की आथर््िाक हालत इतनी खस्ता हो गई है, अब उसे ‘कटोरा’ लेकर भीख मांगने की स्थिति आ गई है। यही कारण कर्ज के बोझ तले दबी एमएमआरडीए ने प्लाट्स को बेचकर अपना भारी भरकम कर्ज का बोझ उतारने के लिए मजबूर हो गई है। बता दें कि बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में एमएमआरडी तीन और प्लॉट्स को लीज पर देने की योजना बनाई है, जिससे कम से कम ६५६ करोड़ रुपए जुटाए जाने की उम्मीद है। इन प्लॉट्स को एक अस्पताल, एक खेल संस्थान और एक शैक्षणिक संस्थान के लिए आरक्षित किया गया है। इसके पहले अगस्त में सात प्लॉट्स की नीलामी की घोषणा की गई थी, जिनसे रुपए ५,४९७ करोड़ की न्यूनतम आय का लक्ष्य तय किया गया था।
एमएमआरडीए ने तीन नए प्लॉट्स की नीलामी के लिए ८० साल की लीज अवधि तय की है, जो कि पिछले सात प्लॉट्स के लिए भी निर्धारित थी। इन प्लॉट्स के कुल १,१०,०७८ वर्ग मीटर क्षेत्रफल और २,११,८९६.२६ वर्ग मीटर के निर्माण क्षेत्र को अगले कुछ महीनों में मुद्रीकृत किया जा सकता है।
नए प्लॉट्स में शैक्षणिक संस्थान के लिए ५,११७.८५ वर्ग मीटर भूमि पर २ एफएसआई (फ्लोर स्पेस इंडेक्स) की अनुमति दी गई है, जिससे एमएमआरडीए को १६४.८७ करोड़ रुपए की उम्मीद है। अस्पताल के लिए १०,०२६.४४ वर्ग मीटर भूमि पर २ एफएसआई की अनुमति के साथ ३२२.९९ करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। वहीं, खेल संस्थान के लिए सबसे बड़ा प्लॉट ५२,१३८.४३ वर्ग मीटर का है, लेकिन इस पर केवल ०.२० एफएसआई की अनुमति दी गई है और इसका रिजर्व प्राइस १६७.९६ करोड़ रुपए है।
हालांकि, इस भूमि मुद्रीकरण के बावजूद, एमएमआरडीए का कर्ज बोझ बढ़ता जा रहा है। जून तक एमएमआरडीए पर १,०३,६२२ करोड़ रुपए का भारी कर्ज था। इसके बाद सितंबर में पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन से ३१,६७४ करोड़ रुपए का लोन लिया गया और अब नए इंप्रâास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए १६,५७७ करोड़ रुपए जुटाने की योजना है, जिससे एमएमआरडीए पर कुल कर्ज रुपए १,५१,८७३ करोड़ तक पहुंचने की संभावना है। एमएमआरडीए ने पिछले कुछ वर्षों में शहरी स्थानीय निकायों को रुपए ६,००० करोड़ से अधिक की सहायता दी है, जिसकी वसूली फिलहाल असंभव लग रही है। साथ ही, बीएमसी से करीब ३,५०० करोड़ रुपए प्राप्त करने हैं और वह बॉन्ड के जरिए रुपए ५०,००० करोड़ जुटाने पर भी विचार किया जा रहा है। वित्त वर्ष २०२४-२५ में एमएमआरडीए की अनुमानित आय ३९,४५३ करोड़ रुपए है, जबकि खर्च ४६,९२१.२९ करोड़ रुपए रहने की उम्मीद है, जो साफ तौर पर बढ़ते घाटे और कर्ज के बोझ को उजागर करता है।

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