मुंबई: अपराध की रोकथाम में ग्लोबल केयर फाउंडेशन एक क्रांतिकारी ताकत के रूप में उभरा है, जिसने हजारों लोगों के जीवन को बदला ही नहीं बल्कि उन्हें न्याय और सामाजिक पुनर्वास के प्रति भी प्रतिबद्ध है। फाउंडेशन कैदियों की रिहाई के लिए कार्य करने के साथ उन्हें समाज में एक कानून का पालन करने वाले नागरिक के रूप में पुनः स्थापित करने का मार्ग भी प्रशस्त कर रहा है।
ग्लोबल केयर फाउंडेशन के संस्थापक एवं प्रबंध ट्रस्टी आबिद अहमद कुंदलम कहते हैं कि हमारा उद्देश्य केवल कैदियों को आज़ाद कराना नहीं, बल्कि उन्हें उस बदनामी से भी मुक्ति दिलाना है, जो जेल में जाने के बाद उनके साथ जुड़ जाती है। न्याय सिर्फ अमीरों के लिए नहीं, बल्कि सभी के लिए समान रूप से सुलभ होना चाहिए। ज़कात हमें इस लक्ष्य को हासिल करने का एक सशक्त माध्यम प्रदान करती है, ताकि हर वह व्यक्ति जिसे दूसरा मौका मिलना चाहिए, उसे वह अवसर अवश्य मिले।
महाराष्ट्र की 10 जेलों में सक्रिय फाउंडेशन ने अपने कैदी रिहाई प्रोजेक्ट के तहत लगभग 12 सौ से अधिक कैदियों को आज़ादी दिलाकर उन्हें नई जिंदगी जीने का अवसर दिया है। यह कार्य केवल रिहाई तक सीमित नहीं है, बल्कि हर व्यक्ति की आवश्यकताओं के अनुसार पुनर्वास और सहायता भी प्रदान की जाती है। इस सहायता में रोजगार सहायता, कौशल विकास, शैक्षणिक सहायता, या छोटे व्यवसाय शुरू करने में मदद शामिल हो सकती है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।
इस आवश्यकता को पूरा करने में जकात और दान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। फाउंडेशन के माध्यम से दानदाता अपनी जकात और सदक़ा को एक ऐसे नेक उद्देश्य में लगा सकते हैं, जो सीधे लोगों की ज़िंदगियां बदलता है. हालांकि फाउंडेशन को कई संस्थानों से आर्थिक सहायता मिलती है, लेकिन हर साल सैकड़ों कैदियों की रिहाई के लिए भारी धनराशि की आवश्यकता होती है। रमज़ान के इस पवित्र महीने में, जब दान और उदारता अपने चरम पर होती है, इस से बेहतर क्या हो सकता है कि अपनी जकात और सदक़ा ऐसे उद्देश्य के लिए दें, जो किसी की ज़िंदगी संवार दे।
अधिकांश कैदी समाज के सबसे गरीब तबके से आते हैं, जिनके पास अपनी जमानत के लिए पैसे नहीं होते. रिहाई की पूरी प्रक्रिया न्यायिक सत्यापन और पारिवारिक जांच के बाद ही शुरू की जाती है, ताकि केवल जरूरतमंद और योग्य लोगों को ही सहायता मिले। अगर किसी कैदी के परिवार के लिए गुज़ारा करना कठिन हो जाता है, तो फाउंडेशन राशन सहायता प्रदान करता है ताकि वे कैदी की रिहाई तक जीवित रह सकें।
ग्लोबल केयर फाउंडेशन की सबसे महत्वपूर्ण पहलों में से एक “लीगल एड क्लिनिक” है, जहाँ अनुभवी वकील ज़रूरतमंदों को नि:शुल्क कानूनी सलाह देते हैं. साथ ही कानूनी और सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करता है, जिससे युवाओं और न्याय प्रणाली से जुड़े लोगों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक किया जाता है।
युवाओं में नशीले पदार्थों और शराब के प्रभाव में किए गए अपराधों की बढ़ती प्रवृत्ति को देखते हुए, संगठन ने डोंगरी के बाल सुधार गृह में “परहेज़” नामक कार्यक्रम शुरू किया है. यह पहल कम उम्र के अपराधियों को नशे की लत छुड़ाने और उन्हें सही राह पर लाने के लिए समर्पित है. फाउंडेशन मुंबई से बाहर ठाणे, रायगढ़, पुणे और नासिक जिलों में भी अपने कार्यों का विस्तार किया है.