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बेटे की टिकट के लिए `किटकिटी’ हो गए किरीट? …पार्टी के आला नेताओं से पत्र युद्ध की शुरुआत

-फडणवीस और बावनकुले को खुली चुनौती
सामना संवाददाता / मुंबई
भाजपा के बदनाम नेता किरीट सोमैया का राजनीतिक करियर लगभग खत्म हो चुका है। अब वे न तो भाजपा के काम के हैं और न ही क्षेत्र की जनता के। ऐसे में वे अपने बेटे नील सोमैया को विधानसभा में मुलुंड से टिकट दिलाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं, लेकिन उस सीट पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के करीबी और प्रदेश के कोषाध्यक्ष मिहिर कोटेचा का विधायक होने के नाते दावा होने से वे किटकिटा रहे हैं। दबाव बनाने में किरीट ने विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी द्वारा बनाई गई कैंपेन कमेटी में प्रमुख पद की पेशकश को अस्वीकार करते हुए प्रेसर टैक्टिस अपना रखी है। एक पत्र लिखकर महाराष्ट्र भाजपा में चल रही अंदरूनी कलह को सामने ला दिया है। बता दें कि उन्होंने पत्र लिखकर वायरल भी कर दिया है, ताकि भाजपा का आंतरिक विवाद सार्वजनिक हो जाए।
फडणवीस और बावनकुले को चुनौती
लालची किरीट ने कहा, `मैं किसी भी पद का लालच नहीं रखता। बावनकुले और फडणवीस जानते हैं कि मैंने पार्टी के लिए कैसे-कैसे काम किए हैं और मुझे उसके बदले क्या चाहिए। मैंने एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में काम किया है। मैंने साबित किया है कि पार्टी में एक साधारण कार्यकर्ता का वजन फडणवीस और बावनकुले से ज्यादा है।’ ऐसा कहकर किरीट फडणवीस और बावनकुले को खुली चुनौती दे दी है।

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