सरहद पर शूरवीर

जवान देश की मिट्टी का बेटा कहलाए
मिट्टी बाहें फैलाए पुकारे
आ जा मेरे दुलारे
मिट्टी का ही तिलक करे
मिट्टी की महक काया को चूमे
ये हैं गौरवशाली अभिमान स्वाभिमान
जाग जाग कर कंधों पर अस्त्र-शस्त्र रख
देश को सुलाता है जवान
बिना खौफ करता है देश की रक्षा का सम्मान
दुश्मन पर नजर गडा़ता है
जगह-जगह झंडा फहराता है
हाथ में अमन-चैन का ले कर पैगाम
होली-दीवाली उसकी वहीं गुजर जाती
आंसू पी जाता जब घर की याद सताती
मातृभूमि की रक्षा करता
विधाता उसकी रक्षा करता
वो है कितना धनवान
गर्व से चोटी पर लहराता तिरंगा शान
वो है कितना भाग्यवान
दुश्मन की वो छुट्टी करता
मिट्टी मुठ्ठी में भरता एक ही आवाज आती
जय भारत जय हिंद जय हिंदुस्थान।
-अन्नपूर्णा कौल, नोएडा

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