कई योजनाओं के लिए नहीं है फंड
सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य में पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सरकार द्वारा दिल खोलकर खजाना लुटाए जाने के बाद अब महाराष्ट्र का आर्थिक विभाग तंगी से जूझ रहा है। उसका नतीजा यह हो रहा है कि महत्वपूर्ण विभागों के लिए भी सरकार के पास पैसे नहीं हैं। सरकार उन विभागों को जरूरत से कहीं कम निधि आवंटित कर रही है। राज्य की आम जनता के लिए महत्वपूर्ण माना जाने वाला मानव विकास विभाग भी इसी का हिस्सा बना है। इस विभाग द्वारा निधि में ६७२ करोड़ रुपए की कटौती किए जाने के बाद मानव विकास के पहिए की रफ्तार धीमी हो गई है।
यह रफ्तार `लाडली बहन’ योजना के लिए किए गए बजटीय प्रावधानों के कारण हो रहा है। मानव विकास योजना के अंतर्गत मुख्य रूप से लड़कियों के लिए साइकिल वितरित किए जाने की योजना बड़े पैमाने पर चलाई जाती है, परंतु अब इन योजनाओं के लिए भी निधि नहीं मिल पा रही है। सरकार ने मानव विकास मिशन के लिए ६७२ करोड़ रुपए की कटौती की है। बजट में इस योजना की घोषणा तो बड़ी बढ़ा-चढ़ाकर की गई है, लेकिन निधि की अनुपलब्धता के कारण यह स्पष्ट नहीं है कि कौन-कौन सी योजनाएं वास्तव में लागू की जा सकेंगी। अब तक केवल १३१ करोड़ रुपए का ही फंड उपलब्ध कराया गया है। आगामी वर्ष के लिए १,२३१ करोड़ रुपए की भारी-भरकम निधि की घोषणा की गइ। हालांकि, वास्तव में कितना फंड मिलेगा, इस पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है। गौरतलब है कि मानव विकास मिशन के अंतर्गत कई वर्षों तक सेवानिवृत्त विभागीय आयुक्त दर्जे के अधिकारियों की नियुक्ति की जाती रही, परंतु २३ जनवरी २०२३ से यह पद रिक्त था। अब यह पद सांख्यिकी विभाग के अधीन कर दिया गया है।