सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई में बड़ी संख्या में किराना की दुकानें बंद हो गई हैं। इसके अलावा अन्य छोटी दुकानों पर भी बंद होने का संकट गहरा गया है। अगर पूरे देश में देखा जाए तो करीब ४ लाख दुकानें बंद हो चुकी हैं। इसका कारण सरकार द्वारा मुफ्त अनाज वितरण और ‘ई कॉमर्स’ है।
एआईसीपीडीएफ के सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में तेजी से बढ़ते ‘ई कॉमर्स बिजनेस’ के कारण देश में दो लाख किराना स्टोर बंद हो गए हैं। मुंबई में किराना विक्रेताओं का कहना है कि इन दुकानों के बंद होने के पीछे ‘ई कॉमर्स’ एकमात्र कारण नहीं है, बल्कि सरकार की खाद्यान्न वितरण की कुछ योजनाएं भी इसका कारण रही हैं। बाजार के जानकारों के अनुसार, दुकानों के किराए बढ़ गए हैं, लेकिन बिक्री पर मार्जिन उतना नहीं बढ़ा, ये भी एक वजह है। अब युवा खरीदारी के लिए दुकानों पर जाने के बजाय अपनी ‘उंगलियों के टिप्स’ पर खरीदारी करने लगे हैं। इस संबंध में मुंबई ग्रेन डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रमणीक छेड़ा ने कहा कि अब अनाज की बिक्री में काफी बदलाव आ गया है। कुर्ला में पिछले चार-पांच साल में पांच दुकानें बंद हो चुकी हैं। अब अनाज की कीमत घट गई है और लागत बढ़ गयी है।