अनिल / रांची
झारखंड के हजारीबाग जिले से अलग होकर बने रामगढ़ जिले के दुमली प्रखंड में तैंतीस साल यानी 1991 से लोगों की जमीन की रसीद नहीं कट रहे थे। जिसके कारण ग्रामीणों ने आज विधानसभा चुनाव के दौरान वोट बहिष्कार करके अपनी नाराज़गी जताई। इस बात की भनक लगते ही रामगढ़ के उपायुक्त चंदन कुमार ग्रामीणों के पास पहुंचे। उसके बाद जमीन के रसीद काटने के आश्वासन बाद ग्रामीणों ने मतदान करने को तैयार हुए।
झारखंड के दुलमी प्रखंड में वर्ष 1991 से जमीन की रसीद नहीं कट रही थी। जिसके कारण लोग तैंतीस साल से काफी परेशान थे। ग्रामीण प्रखंड से लेकर राजधानी रांची तक सरकारी अधिकारियों के चक्कर लगाकर थक गए थे। आखिरकार आज वोट के वक्त उनकी समस्या का समाधान हो गया। इसके लिए उन्हें वोट का बहिष्कार करना पड़ा।
रामगढ़ जिले के दुमली प्रखंड में 2 मतदान केंद्र पर लोगों ने अपनी समस्या को लेकर झारखंड विधानसभा चुनाव का बहिष्कार कर दिया। रामगढ़ जिले के मतदान केंद्र संख्या 184 और 185 के मतदाताओं ने बताया कि 1991 से अब तक उनकी जमीन की रसीद जारी नहीं की गई है। इससे वे लोग काफी परेशान हैं।
आज अहले सुबह से झारखंड के 38 विधानसभा क्षेत्र में मतदान की प्रक्रिया शुरू हुई तो रामगढ़ जिले के इन दो मतदान केंद्रों पर चुनाव बहिष्कार की सूचना मिलते ही ही रामगढ़ के उपायुक्त लोगों को मनाने गांव पहुंच गए।
ग्रामीणों ने कहा कि उन्होंने तय किया कि इस बार वे झारखंड के लोकतंत्र के महापर्व में तब तक हिस्सा नहीं लेंगे। जब तक उनकी इस समस्या का समाधान नहीं हो जाता। इस संबंध में रामगढ़ जिले के मांडू विधानसभा क्षेत्र के लोगों ने वोट बहिष्कार कर दिया। इसकी सूचना मिलने पर रामगढ़ के उपायुक्त चंदन कुमार गांव में पहुंचकर वोट बहिष्कार करने के पिछे कारणों की जानकारी प्राप्त कर लोगों को आश्वस्त किया कि आप लोग वोट करें। आप लोगों की समस्या का समाधान मैं करूंगा।
इसके बाद उपायुक्त के आश्वासन के बाद शुरू हुई वोटिंग शुरू हो पायी।
डीसी ने ग्रामीणों के साथ बैठक की।उनकी समस्या सुनी और उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी जमीन की रसीद कटनी शुरू हो जाएगी। उनकी समस्या का समाधान हो जाएगा, तब जाकर 184 नंबर बूथ के लोगों ने 10.15 बजे और 185 नंबर बूथ के लोगों ने 10.35 बजे से मतदान शुरू हो पाया।