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लोगों की जान ले रहे कानून के रखवाले, लखनऊ पुलिस की हिरासत में मौत से लोगों में आक्रोश

सामना संवाददाता / लखनऊ 
लखनऊ पुलिस अपनी कार्रवाई को लेकर अक्सर चर्चा में बनी रहती है। पिछले १६ दिन में दो युवकों की पुलिस कस्टडी में मौत से लखनऊ पुलिस सवालों के घेरे में है। हालांकि मामले में दोषी पुलिसकर्मियों के निलंबन के साथ-साथ तबादले कर सरकार ने एक्शन का संदेश दिया है, इसके बावजूद लोगों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले को लेकर अखिलेश यादव, प्रियंका गांधी और मायावती ने निशाना साधा है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने इस घटना को लेकर तल्ख टिप्पणी की है। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा कि यूपी में पुलिस ने दो युवकों को हिरासत में लिया और अगली सुबह एक की मौत हो गई। एक पखवाड़े में यूपी पुलिस की हिरासत में यह दूसरी मौत है। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उनके बेटे की हत्या कर दी। यूपी हिरासत में होने वाली मौतों के मामले में पूरे देश में पहले स्थान पर है। प्रदेश में भाजपा ने ऐसा जंगलराज कायम किया है, जहां पुलिस क्रूरता का पर्याय बन चुकी है। उन्होंने लिखा कि जहां कानून के रखवाले ही जान ले रहे हों, वहां जनता न्याय की उम्मीद किससे करे?
बता दें कि १३ अक्टूबर को लखनऊ के ही रहने वाले अमन गौतम और उसके साथी को कुछ पुलिसकर्मी किसी मामले में पकड़ कर ले गए थे। अमन के परिवार के मुताबिक, इन्हीं पुलिसकर्मियों ने अमन के साथ मारपीट की, जिसके बाद पुलिस हिरासत में अमन की मौत हो गई। इस मामले में लखनऊ में जमकर हंगामा हुआ, जिसके बाद मामले में सिपाही शैलेंद्र और अन्य तीन अज्ञात पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर लिया गया।

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