सामना संवाददाता / मुंबई
महायुति के मंत्री ने ही भाजपा को चेताया
‘चार सौ पार’ से खतरे में एनडीए
भाजपा ने इस लोकसभा चुनाव में झूठे वादों की भरमार लगा दी। इसी के तहत भाजपा ने अबकी बार ४०० पार का नारा भी चलाया, लेकिन इस चुनाव में भाजपा के इस नारे का इंडिया शाइनिंग की तरह होने वाला है। ऐसा अनुमान भाजपा के सहयोगी दल ही लगा रहे हैं। राज्य के कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल ने इस बारे में एनसीपी अजित गुट की कार्यकारी समिति की बैठक में बोलते हुए कहा भाजपा का चुनाव कैंपेन इस बार गलत दिशा में था। उन्होंने कहा कि जनता ने भाजपा के अबकी बार ४०० पार के नारे को स्वीकार नहीं किया है। एनसीपी अजित पवार गुट की कार्यकारी समिति की बैठक में बोलते हुए छगन भुजबल ने सवाल उठाया कि क्या आम जनता इसे स्वीकार करती है? उन्होंने कहा कि इस बार भाजपा को इसका नुकसान होगा, इतना ही नहीं भजापा ने जो संविधान बदलने का बयान दिया है उससे भी बड़े पैमाने पर नुकसान होगा। यह नुकसान सिर्फ भाजपा को ही नहीं उसके साथ सभी सहयोगी दलों को भी होगा।
बता दें कि मुंबई में आयोजित पदाधिकारियों की बैठक में उन्होंने कहा कि मैं आपको बताना चाहता हूं कि चार सौ पार…चार सौ पार… की घोषणा पहले ही हो चुकी थी। लेकिन चार सौ पार और संविधान बदलने का विचार लोगों के मन में इतना घर कर गया है कि दलित समाज अलर्ट हो गया। मुद्दा इतना बढ़ा कि खुद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक टीवी इंटरव्यू में कह रहे थे कि हम संविधान नहीं बदलने वाले, लेकिन जनता भ्रमित हो गई। इन सबका नतीजा ये हुआ कि अब मनुस्मृति का मुद्दा आ गया। भुजबल ने कहा कि कुछ स्कूलों में मनुस्मृति को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि लोगों के मन में सवाल उठने लगा कि जब इस देश की सत्ता में आने के लिए सिर्फ २७२ सीटों की जरूरत होती है, तो भाजपा ४०० पार का नारा इसलिए दे रही है क्योंकि वो संविधान बदलना चाहती है। इस मुद्दे के सामने आते ही डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को मानने वाले वर्ग में चर्चा बढ़ गई।