मुख्यपृष्ठनमस्ते सामनाइन्हें उड़ जाने दो

इन्हें उड़ जाने दो

कल्पनाओं की यह ऊंची उड़ानें,
धरती से आसमान में पहुंचने के लिए
अब इन्हें भी पंख फैलाने दो,
ये बेटियां हैं, इन्हें उड़ जाने दो।
हर एक क्षेत्र में इन्हें भी पैठ जमाने दो,
संकल्प आत्मबल की इन शक्तियों को आगे बढ़ जाने दो
यह बेटियां है सहारा माता-पिता का,
जो अपने परिवार की सहयोगी हैं इन्हें आगे बढ़ जाने दो।
उन पुरानी रूढ़िवादी सोच को खत्म कर के,
नए भारत में होनहार बेटियों को आगे बढ़ जाने दो
जो कदम से कदम मिलाकर चल रही है,
ऐसी बेटियों को आगे बढ़ जाने दो।
मंजिल आसान नहीं है तकलीफों को कम करने के लिए,
इन्हें भी संसार में आगे बढ़ जाने दो।
अब इन्हें भी पंख फैलाने दो,
यह बेटियां हैं, इन्हें भी उड़ जाने दो…॥
– हरिहर सिंह चौहान
इंदौर

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