चलो आज हम हाथ मिलाएं।
अपना भारत स्वच्छ बनाएं।।
दकियानूसी हर विचार पर ।
पहले हम प्रतिबंध लगाएं।।
हम भी अपनी अकल लगाकर।
कमजोरी का पता लगाएं।।
मानवता की रक्षा में ही।
हरदम अगला कदम बढ़ाएं।।
हर विचार का सड़ियल हिस्सा।
इस समाज से दूर हटाएं।।
मुस्कानों का मौसम लाकर।
अपना मानव धर्म निभाएं ।।
हम विकास की पुस्तक पढ़ कर ।
कर्मठता का बिगुल बजाएं।।
नफरत वाली बात हटाकर ।
आपस में हम प्रेम जगाएं।।
सहयोगी बनने में हरदम ।
जीवन का सारा सुख पाएं।।
जो हैं यहां रुकावट लाए।
उन पर जल्दी रोक लगाएं।।
भाषा में उत्तम विचार को।
बाइज्जत हम बाहर लाएं।।
पतझड़ वाले इस मौसम में ।
अब बसंत का फूल खिलाएं।।
चलो आज हम हाथ मिलाएं।
अपना भारत स्वच्छ बनाए ।।
-अन्वेषी