नालों के माध्यम से नदी में कचरा न जाए, इसके लिए उपाय योजना के तहत एनजीटी व सर्वोच्च न्यायालय की सूचना का पालन करने के लिए उल्हासनगर मनपा प्रशासन द्वारा ऐसे छोटे-छोटे व आधे-अधूरे लोहे की जाली में पत्थरों से बने गेबियन बांध बनाए गए हैं, लेकिन यह प्रयास सिर्फ कोर्ट को दिखाने के लिए किए जा रहे हैं, ताकि कोर्ट के आदेश की अवमानना न हो। इस बांध की समय-समय पर साफ-सफाई करवाने की जरूरत है। साथ ही मानसून में इस बांध पर निगरानी रखने की भी जरूरत है कि कहीं मानसून के समय इसकी वजह से आस-पास के इलाके में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा न हो? उल्हासनगर मनपा के सार्वजनिक बांधकाम व सफाई विभाग पर निरंतर सफाई करने की जिम्मेदारी होती है।उल्हासनगर-१ शहाड स्टेशन के सामने कोणार्क रेजिडेंसी, टेलीफोन एक्सचेंज के पीछे के नाले में ऐसा ही आधा-अधूरा गेबियन बांध बनाया गया है। अन्य जगह पर भी बांध बनाया गया है, जिसकी वजह से बाढ़ की स्थिति को देख स्थानीय लोग परेशान हैं। मनपा प्रशासन व संबंधित विभाग को चाहिए कि ऐसी मामूली बातों को नजरअंदाज न करें अन्यथा आनेवाले दिनों में किसी अनहोनी के होने की संभावना है। नाले में से पानी की लाइन में कचरा फंसने से काफी इलाके जलमग्न हो जाते हैं। मनपा प्रशासन के सफाई, सार्वजनिक बांधकाम, जलापूर्ति जैसे तमाम विभाग को सतर्क रहने की जरूरत हैं।
-राजेश पवार, उल्हासनगर