सामना संवाददाता / मुंबई
एमटीएनएल का लैंडलाइन टेलीफोन नंबर 24966666 हमने पंद्रह साल से अधिक समय तक उपयोग किया। बिल देरी से भरने के कारण बिना कोई सूचना दिए एमटीएनएल ने यह नंबर बीस हजार रुपए में किसी अन्य उपभोक्ता को जारी कर दिया। अब यह नंबर वह उपभोक्ता भी उपयोग नहीं करता है।
कुछ महीने पहले जब हमने वर्ली स्थित एमटीएनएल से इस नंबर के लिए संपर्क किया, तो उन्होंने कहा कि जब तक अकाउंट फाइनल नहीं होता, तब तक एमटीएनएल यह नंबर किसी को जारी नहीं कर सकता। एक सप्ताह पहले वर्ली के एमटीएनएल विभाग ने हमें जानकारी दी कि अकाउंट फाइनल हो चुका है। अब आप यह नंबर ले सकते हैं और बुकिंग के लिए प्रभादेवी के क्यूसीएस जाना पड़ेगा।
हमने वहां के एमटीएनएल अधिकारी राम ( मोबाइल नं. 9769359279 ) से बात की और उन्होंने 24966666 की स्थिति अपने सिस्टम में चेक की, तो कहा कि आपको नंबर मिल जाएगा, अकाउंट फाइनल हो चुका है, कोई दिक्कत नहीं है। छह सौ रुपए का भुगतान करके हमने कनेक्शन बुक किया, लेकिन बाद में हमसे पांच हजार रुपए की मांग की गई। उनका कहना था कि प्रीमियम नंबर है, यह उसका चार्ज है।
मैंने क्यूसीएस के हेड सूर्यवंशी के मोबाइल नं. से बात की कि हम भुगतान करने के लिए तैयार हैं, पांच हजार रुपए फर्स्ट बिल में एडजस्ट कर दो। उन्होंने कहा कि पहले उपभोक्ता का बिल पेंडिंग है, हम यह नंबर जारी नहीं कर सकते। आपको बता दें कि एमटीएनएल के नियमानुसार, अकाउंट फाइनल होने के बाद किसी भी उपभोक्ता को नंबर अलर्ट किया जा सकता है।
एमटीएनएल के वर्ली और प्रभादेवी के अधिकारी भी यह स्वीकार करते हैं कि अकाउंट फाइनल के बाद नंबर जारी किया जा सकता है, लेकिन उन्हें भी आश्चर्य है कि सूर्यवंशी नंबर देने में आनाकानी क्यों कर रहे हैं? अधिकारी सूर्यवंशी जल्दी कॉल रिसीव नहीं करते, वहॉट्सऐप मैसेज का रिप्लाय नहीं करते। ग्राहक के प्रति ऐसा रवैया क्या अनुचित है।
-लक्ष्मीकांत चौरसिया
वर्ली, मुंबई