ऐसा देखा गया है कि गर्मी में तमाम लोग जलाशयों, नदियों और झीलों में नहाने और मौजमस्ती करने जाते हैं और लापरवाही के चलते पानी में डूब जाते हैं, जिससे उनकी मौत हो जाती है। यह भी देखा गया है कि नशे में धुत युवक भी यहां नहाने के लिए आते हैं, और वे भी पानी में डूब जाते हैं। हालांकि, जिलाधिकारी की तरफ से बरसात के समय झरने, बांध, खदान जलाशयों सहित अन्य जगहों पर पुलिस का पहरा लगाया जाता है, लेकिन कई बार लोग पुलिस को भी चकमा देकर नहाने के लिए पानी में जाते हैं। गर्मियों के दिनोें में बड़ी संख्या में लोग बदलापुर-पश्चिम के बारवी डैम पर नहाने के लिए आते हैं। कोडेश्वर परिसर में तो अब तक एक नहीं सैकड़ों लोगों की जान डूबने से जा चुकी है। यही हाल उल्हास नदी का भी है। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन को चाहिए की खतरनाक जगहों की घेरा बंदी कर पुलिस का पहरा लगाए। ऐसा करने से कई लोगों की जान बचाई जा सकती है।