मुख्यपृष्ठनमस्ते सामनासंपादक के नाम पत्र : कुर्ला रेलवे टर्मिनस पर भिखारियों का आतंक

संपादक के नाम पत्र : कुर्ला रेलवे टर्मिनस पर भिखारियों का आतंक

मध्य रेलवे का कुर्ला टर्मिनस मध्य रेलवे का एक महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन है। इस रेलवे स्टेशन से प्रतिदिन लाखों यात्री अपने गांव जाने के लिए यात्रा करते हैं। लाखों यात्रियों के आवागमन का फायदा उठाते हुए यहां पर भिखारियों का गैंग सक्रिय है। यह गैंग रेलवे स्टेशन के भीतर और प्लेटफॉर्म पर यात्रियों से भीख मांगता है। आश्चर्य की बात यह है कि यह भिखारी दया याचना कर भीख नहीं मांगते, बल्कि दादागीरी कर भीख मांगते हैं। अगर कोई यात्री भीख देने से मना करता है तो वे उसके पीछे पड़ जाते हैं। कई बार तो यात्रियों को पकड़कर लटक जाते हैं और उसे तब तक नहीं छोड़ते जब तक यात्री मजबूर होकर उन्हें पैसे नहीं दे देता। इस रैकेट में अधिकतर महिलाएं और छोटे बच्चे हैं। महिलाएं और छोटे बच्चों की वजह से यात्री कुछ कर भी नहीं पाता और उन्हें भीख देने पर मजबूर हो जाता है। रेलवे स्टेशन पर आए यात्री को अपने गंतव्य की ओर जाने के लिए ट्रेन पकड़ने की जल्दबाजी रहती है इसलिए वे भिखारी के चक्कर में न पड़कर अपनी जान छुड़ाकर भागते हैं और भिखारियों का यह गैंग इसी जल्दबाजी का फायदा उठा रहा है। हैरत की बात यह है कि कुर्ला टर्मिनस के हर प्लेटफॉर्म पर जीआरपी और रेलवे पुलिस की मौजूदगी रहती है। इसके अलावा रेलवे का टिकट चेकर दस्ता भी स्टेशन पर मौजूद रहता है। उसके बावजूद यह भिखारी इतनी बड़ी संख्या में प्लेटफॉर्म पर वैâसे एंट्री करते हैं यह बात समझ से परे है, जबकि यात्री को छोड़ने आया उसका कोई रिश्तेदार प्लेटफॉर्म टिकट नहीं लिया है तो टीसी उसे पकड़कर फाइन मार देते हैं लेकिन ये भिखारी बिना किसी प्लेटफॉर्म टिकट के रेलवे स्टेशन पर घूम-घूम कर भीख मांगते हैं और प्लेटफॉर्म पर ही चाय-नाश्ता करने के साथ ही खाना भी खाते हैं। रेलवे पुलिस इन पर कोई ध्यान नहीं देती, जिससे यह लगता है कि रेलवे पुलिस की इन भिखारियों के गैंग से शायद मिलीभगत है। रेलवे प्रशासन से मेरी गुजारिश है कि वो यात्रियों को भिखारियों से निजात दिलाए।
– महबूब फारुकी, गोवंडी, मुंबई

अन्य समाचार