उल्हासनगर के लोगों ने मानो कसम खा रखी है कि हम कभी नहीं सुधरेंगे। उल्हासनगर मनपा का सफाई विभाग लोगों के घरों से निकलनेवाले कचरे को इकट्ठा करने के लिए हर सड़क पर कचरा गाड़ी भेजता है और जहां गाड़ी नहीं पहुंच पाती उन जगहों पर सफाईकर्मी भेजा जाता है। इसके बावजूद उल्हासनगर वासी कचरा इधर-उधर जहां मन में आता है, वहां कचरा फेंक देते हैं। इतना ही नहीं, उल्हासनगर वासियों ने सरकारी जगहों को भी कचरा कुंडी बना दिया है। उल्हासनगर का लाइट विभाग भी इससे अछूता नहीं है और कई ट्रांसफॉर्मरों को लोगों ने कचरा पेटी बना दिया है। ट्रांसफॉर्मर में खराबी आने पर बिजली विभाग को सबसे पहले वहां एकत्रित कचरे को साफ कर उसके बाद बिजली की खराबी दूर करनी पड़ती है। सच कहूं तो इस तरह यहां-वहां कचरा फेंकने से लोगों को रोकने में मनपा का सफाई विभाग फेल साबित हो गया है। उल्हासनगर मनपा के सफाई विभाग ने उल्हासनगर को कचरा कुंडी रहित शहर बनाने के लिए कचरा कुंडी को हटाकर कचरा लेने हेतु कचरा गाड़ी शुरू की। इसके बावजूद लोगों द्वारा निरंतर कचरा फेंकना जारी है। मनपा ने घोषणा की थी कि जो भी कचरा सार्वजनिक जगहों पर फेंकेगा उसके लिए १ जनवरी, २०२४ से मनपा सफाई विभाग पैनल के हिसाब से एक-एक रक्षक नियुक्त करेगी और रक्षकों द्वारा कचरा फेंकने वालों को पकड़ने पर उनसे पांच हजार रुपए जुर्माना वसूला जाएगा। मनपा की घोषणा के बावजूद लोगों द्वारा कचरा फेंकना निरंतर जारी है। शहर वासियों की इन हरकतों के चलते बिजली विभाग सहित सभी परेशान हैं।
– राम शर्मा, उल्हासनगर