मुंबई की सड़कों पर कई ऐसे वाहन भी दौड़ रहे हैं, जिनका रजिस्ट्रेशन जाली दस्तावेजों के आधार पर है। मतलब कल को अगर इन वाहनों से किसी प्रकार की घटना को अंजाम दिया गया या किसी प्रकार की दुर्घटना हुई तो इसके रजिस्ट्रेशन पेपरों से इनके मालिक का पता लगाना बहुत मुश्किल होगा। मुख्यमंत्री शिंदे के राज में परिवहन विभाग का एक बड़ा घोटाला प्रकाश में आया है। यह मामला किसी और शहर का नहीं, बल्कि अंधेरी आरटीओ का है। अंधेरी आरटीओ में १२५ बसों और ट्रक दूसरे राज्य के एनओसी के साथ जाली दस्तावेजों के आधार पर पंजीकृत किए गए हैं। अब सवाल यह है कि अगर ऐसे कार्यालयों में इस तरीके के घोटाले हो रहे हैं तो बाकियों का क्या भरोसा किया जाए। ऐसे वाहनों से लोगों को डर-डरकर सड़कों पर चलना होगा। ट्रैफिक विभाग के अधिकारियों को तो चाहिए कि वो ऐसे वाहनों का रजिस्ट्रेशन करने से पहले वाहन मालिकों के घर जाकर उनके द्वारा दिए गए डिटेल की पुष्टि करनी चाहिए। तभी सड़कों पर हादसों के कम होने की संभावना हो सकती है नहीं तो ऐसे फर्जी दस्तावेजों वाले तो सड़कों पर निडर होकर बिना किसी यातायात नियम का पालन किए गाड़ियां दौड़ाएंगे।
-विनोद जैन, कांदिवली-पूर्व