झूठ

झूठ के इस भयानक समय में
सहमा हुआ सच ढूंढ़ रहा है रास्ता
एकता का, जिससे बने एक संगठन
झूठ के खिलाफ सच का।
और करता रहे राज झूठ पर
युगों युगों तक निर्विकार
अजस्र विजयी होकर।
और जलती रहे मशाल
मानवता की भूमंडल पर
प्रकाशित होकर निर्विघ्न
निरंतर शोभनीय ही नहीं
दर्शनीय भी ।।

-अन्वेषी

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गुरु नानक