मुख्यपृष्ठनमस्ते सामनाचल रही है जिंदगी।

चल रही है जिंदगी।

चल रही है जिंदगी।
अब क्या कहें हम आपसे।।
क्या हुआ कैसे हुआ।
अब क्या कहें हम आपसे।।

रास्ते में ठोकरें हरदम
हमें लगती रहीं।
हादसा कैसे हुआ
यह क्या बताएँ आपसे।।

हँस रही थी जिंदगी।
फिर रो दिए बेजार हम।
कब कहाँ पर क्या हुआ।
कैसे बताएँ आपसे।।

मिल गए कुछ लोग हमको।
प्रेम से व्यवहार से।
धोखा इसी में हो गया।
अब क्या बताएँ आपसे।।

जो सफर आसान था।
वह तो हमें भाता रहा।
कब विवादों में फँसे।
अब क्या बताएँ आपसे।।

हर बार हम विश्वास पर।
मरते रहे मिटते रहे।।
कैसा हुआ व्यवहार हम।
अब क्या बताएँ आपसे।।

फिर भी आशा की किरण।
हमको जगाती ही रही।
जागे, मगर फिर सो गए।
अब क्या बताएँ आपसे।।

कर्ज खाकर नाचने की
राह पर हम चल दिए।
आगे मुसीबत आ गई।
यह क्या बताएँ आपसे।।

सब के सब पागल हुए।
हम सोचते ही रह गए।।
कारवाँ कैसे लुटा।
अब क्या बताएँ आपसे।।

अन्वेषी

अन्य समाचार