बीमारी के बारे में जागरूकता की कमी
समय पर पता लगाना जरूरी
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
महिलाओं में सर्वाइकल, ओवेरियन, एंडोमेट्रियल, वुल्वर जैसे कैंसर के मामले बढ़ गए हैं। इसके लिए बदली लाइफस्टाइल, मोटापा, शारीरिक गतिविधियों का कम होना, धूम्रपान के साथ-साथ शराब का सेवन जैसी बुरी आदतों से कैंसर महिलाओं के करीब आ रहा है और उनमें कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। हालांकि, अब तक के आकलन के मुताबिक, कैंसर के बारे में महिलाओं में जागरूकता की बहुत कमी नजर आई है। ऐसे में जागरूकता को बढ़ाने के साथ ही कैंसर का शीघ्र पता करते हुए समय पर इलाज जरूरी है, जो कैंसर के खतरों को दूर करने में योगदान देता है।
कोरोना महामारी के बाद से मुंबई जैसे शहरों में खान-पान के साथ ही जीवनशैली में बहुत ज्यादा बदलाव आया है। इससे न केवल लोग मोटापे का शिकार हो रहे हैं, बल्कि डायबिटीज, हाइपरटेंशन, कैंसर जैसी गैर-संचारी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। मुंबई के जायनोवा शाल्बी अस्पताल में सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. सुंदरम पिल्लई ने कहा कि २५ से ५५ साल की महिलाओं में स्त्री रोग संबंधी कैंसर का समय पर पता लगाते हुए इलाज कर उसकी रोकथाम करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि कैंसर महिला प्रजनन प्रणाली को भी प्रभावित करता है। पैप स्मीयर और पेल्विक परीक्षण जैसे परीक्षण से कैंसर का शीघ्र पता लगाया जा सकता है। इसका इलाज कैंसर के प्रकार के अनुसार किया जाता है। इसमें सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी आदि का विकल्प होता है। डॉ. पिल्लई ने बताया कि नियमित व्यायाम सहित स्वस्थ जीवनशैली अपनाने, फलों और सब्जियों से भरपूर संतुलित आहार खाने, शराब का सेवन सीमित करने और तंबाकू उत्पादों से परहेज करने से इस प्रकार के कैंसर का खतरा कम हो सकता है।
उम्र बढ़ने के साथ बढ़ता है कैंसर का खतरा
नई मुंबई मेडिकवर अस्पताल में महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. रोहिणी खेडा भट्ट ने कहा कि महिलाओं में कैंसर उसकी प्रजनन प्रणाली और जननांगों में विकसित होता है। इनमें योनि, गर्भाशय ग्रीवा, गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब और गर्भाशय कैंसर का समावेश है। उम्र बढ़ने के साथ ही महिलाओं में कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। सर्वाइकल कैंसर ह्यूमन पेपिलोमा वायरस के कारण होनेवाला कैंसर है। इस कैंसर से बचाव के लिए वैक्सीन भी उपलब्ध है। एंडोमेट्रियल कैंसर तब होता है, जब एंडोमेट्रियल परत में कैंसर कोशिकाएं बढ़ती हैं। महिलाएं जब भारी रक्तस्राव की शिकायत करती हैं, तो यह कभी-कभी प्री-कैंसर का संकेत हो सकता है। रजोनिवृत्ति के बाद किसी भी प्रकार का रक्तस्राव खतरे की घंटी होता है। वुल्वर कैंसर जननांगों को प्रभावित करता है। यदि लगातार खुजली या नीचे की त्वचा में कोई नया बदलाव महसूस हो तो तुरंत चिकित्सकीय सहायता लेनी चाहिए। ओवेरियन कैंसर तब होता है जब किसी महिला के गर्भाशय में कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं। स्तन, एंडोमेट्रियल और डिम्बग्रंथि कैंसर के पारिवारिक इतिहास वाली महिलाओं को समय-समय पर अपने डॉक्टर से परामर्श करने की सलाह दी जाती है।