सामना संवाददाता / बदलापुर
बदलापुर में ‘घाती’ सरकार के राज में आए दिन बत्ती गुल हो जाती है, जिसके कारण बदलापुरवासियों का भीषण गर्मी में हाल बेहाल हो गया है। बदलापुर में लोकसभा चुनाव को लेकर ‘घाती’ सरकार के लोग वोट मांगने में व्यस्त हैं। बदलापुर के लोगों में आक्रोश इस बात का है कि बदलापुर के ‘घाती’ सरकार का बदलापुर के लोगों की मूलभूत सुविधा की तरफ ध्यान नही है। गुल होती बिजली की समस्या को लेकर राष्ट्रवादी (शरदचंद्र पवार) पार्टी के प्रदेश महासचिव अविनाश देशमुख बिजली कार्यालय में जब पहुंचे तो अधिकारी कार्यालय से नदारद थे। इस दृश्य को देख देशमुख ने अधिकारी की कुर्सी को कार्यालय केबिन से बाहर फेंककर अजीबो-गरीब ढंग से विरोध किया और बिजली की आंख-मिचौली में तत्काल सुधार न होने की स्थिति में उग्र आंदोलन की चेतावनी दी।
बदलापुर में पीने के पानी को लेकर मचा हाहाकार अभी खत्म नहीं हुआ है। ‘घाती’ सरकार के मंत्री ने एक अप्रैल से पांच एमएलडी पानी देने की घोषणा की थी, जो अप्रैल फूल साबित हुई। पांच एमएलडी पानी तो मिला नहीं, उल्टा दो एमएलडी पानी जो मिल रहा था, उसे भी बंद कर दिया गया, ऐसा आरोप अविनाश देशमुख ने लगाया है। अविनाश देशमुख ने बताया कि शहर में पीने के पानी की समस्या खत्म नहीं हुई कि बिजली की आंख-मिचौली शुरू हो गई है। दिन में कई बार बिजली आती-जाती है। इन दिनों विकराल गर्मी शुरू है। ऐसी स्थिति में बिजली गुल होने से बदलापुरकरों की क्या दशा होती होगी? राज्य व केंद्र में ‘घाती’ लोगों के समर्थन की सरकार है। इसके बावजूद बदलापुर के लोग पानी और बिजली से बेहद परेशान हैं। आए दिन सांसद, विधायक, कार्यकर्ता लोगों से वोट मांगते हुए घूम रहे हैं। लेकिन उन्हें लोगों की मूलभूत सुविधा, पीने का पानी, बिजली की आंख-मिचौली दिखाई नहीं दे रही है। इस विकट समस्या को लेकर लोगों में आक्रोश दिखाई दे रहा है। राष्ट्रवादी पदाधिकारी अविनाश देशमुख ने आंदोलन करके महावितरण के कार्यकारी अभियंता के न मिलने पर उनकी कुर्सी बाहर फेंक दी। इस कार्य की चारों तरफ सोशल मीडिया के माध्यम से विद्युत विभाग की लापरवाही उजागर की गई।
महाराष्ट्र के राष्ट्रवादी पदाधिकारी के अजीबोगरीब आंदोलन के चलते शुकवार को बदलापुर-पूर्व खरवई के कार्यकारी अभियंता के कार्यालय में एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें काले नामक अभियंता ने कालिदास देशमुख, लक्ष्मण फुलोरे के बीच बैठक के बारे में बताया कि बिजली की समस्या लोड बढ़ने से पैदा हुई है, जो जल्द ही खत्म की जाएगी।