सामना संवाददाता / मुंबई
उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे प्रदेश में जिस तरह से बड़े आरोपियों को जेल में ‘दामाद’ जैसी आवभगत होती है, अब कुछ वैसा ही हाल ‘ईडी’ २.० सरकार के राज में यहां महाराष्ट्र में हो गया है। सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड के आरोपी वाल्मिक कराड की जेल में कुछ ऐसी ही आवभगत की जा रही है।
खबर है कि कराड को पुलिस कस्टडी में वीआईपी सेवा दी जा रही है। इस तरह का आरोप राकांपा (शरदचंद्र पवार) के विधायक रोहित पवार ने पुलिस पर लगाया है। कराड को बीड शहर के पुलिस स्टेशन में रखा गया है। मिली जानकारी के अनुसार, हाल ही में वहां ५ पलंग व गद्दे लाए गए हैं। इससे इस मामले में विवाद खड़ा हो गया है। हालांकि, इस मुद्दे पर बीड शहर पुलिस स्टेशन के सहायक पुलिस अधीक्षक सचिन पांडकर ने मीडिया से बात करते हुए इन आरोपों से इनकार किया है।
पुलिस ने दी सफाई
सहायक पुलिस अधीक्षक के अनुसार, बीड पुलिस स्टेशन नया बनाया गया है और करीब डेढ़ महीने पहले ही वे लोग इसमें शिफ्ट हुए हैं। यहां सुविधाएं पूरी तरह से स्थापित नहीं हुई हैं।
आराम के लिए पलंग
पुलिस गार्ड्स २४ घंटे स्टेशन में तैनात रहते हैं और आराम के लिए पलंग की मांग की गई थी। इसे वाल्मिक कराड के आने से जोड़ना महज एक संयोग है। सचिन पांडकर ने सोशल मीडिया और मीडिया से आग्रह किया कि वे किसी भी जानकारी को प्रसारित करने से पहले उसकी पुष्टि करें।
अन्य पुलिस स्टेशनों में गद्दे क्यों नहीं?
रोहित पवार ने सवाल उठाते हुए कहा कि नए पलंग व गद्दे अगर स्टाफ के लिए थे, तो यह तत्परता अन्य पुलिस स्टेशनों में क्यों नहीं दिखती? क्या पलंग, गद्दे, पंखे, एसी और टीवी जैसी सुविधाएं भी अन्य पुलिस स्टेशनों में दी जाएंगी? यह मामला अब राज्य में चर्चा का विषय बन गया है और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस मामले को लेकर पुलिस ने भी सफाई दी है।