सामना संवाददाता / मुंबई
महानगर के उत्कृष्ट साहित्यकार तथा व्यंग्यकार सत्यदेव विजय को महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी 2024-2025 के पुरस्कार वितरण में “शिवराय खंडकाव्य” पर संत नामदेव रजत पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सत्यदेव विजय सिंह मूलतः मैनपुरी उत्तर प्रदेश से आते हैं, इनके पिता का नाम स्वर्गीय विजय सिंह एवं माता का नाम स्वर्गीय गणेशी देवी है, जिनकी शिक्षा राजकीय इंटर कॉलेज मैनपुरी से हुई तथा तकनीकी शिक्षा जीबी पंत पॉलिटेक्निक लखनऊ से हुआ। शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात पारिवारिक दायित्व का निर्वहन करने के लिए मुंबई आए, जहां उन्होंने रेलवे में प्रशिक्षण दिया और मुंबई लोकल के मोटरमैन बने। वर्तमान में आप मध्य रेल मुंबई में लोको पायलट मेल के पद पर कार्यरत हैं। मुंबई में रहते हुए कुछ साहित्यकारों से परिचय हुआ और साहित्य की तरफ झुकाव हुआ। सर्वप्रथम उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज की कहानी की तरफ ध्यान केंद्रित किया।परिणाम स्वरूप उन्होंने शिवराय खंडकाव्य लिख डाली। महानगर मुंबई में विभिन्न साहित्यिक मंचों से जुड़े होने के साथ-साथ अखिल भारतीय साहित्य परिषद के आप सदस्य भी हैं। सीप में मोती आपकी साझा संकलन बहुत चर्चित रही। सत्यदेव विजय के उक्त सम्मान पाने पर महानगर के साहित्यकारों के साथ-साथ जन्मभूमि के परिजन एवं संबंधियों ने खुशी व्यक्त करते हुए शुभकामनाएं एवं बधाइयां दीं।