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जिला परिषद स्कूलों के बच्चों की जान जोखिम में! …ऑडिट में बेहद जर्जर अवस्था में पाए गए ११ स्कूल

राधेश्याम सिंह / विरार
मानसून के मौसम में किसी भी तरह की दुर्घटना को रोकने के लिए वसई-विरार में महानगरपालिका के अधिकार क्षेत्र में जिला परिषद स्कूलों का ऑडिट किया जा रहा है। अब तक ९० स्कूलों की ऑडिट रिपोर्ट प्राप्त हुई है, जिनमें से ११ स्कूल बहुत खतरनाक स्थिति में पाए गए हैं। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि उन स्कूलों के बच्चे जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करते हैं।
जिला परिषद ने वसई-विरार शहर महानगरपालिका अंतर्गत दो सौ से अधिक स्कूल बनवाए थे। ये स्कूल खास तौर पर सबसे गरीब और ग्रामीण इलाकों के बच्चों की शिक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। वर्तमान में केवल १९२ स्कूल ही बचे हैं। इनमें से ११६ स्कूल महानगरपालिका के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। पिछले कुछ सालों से सरकार ने जिला परिषद के स्कूलों पर ध्यान नहीं दिया है और कई इलाकों में स्कूलों की हालत बहुत खराब हो गई है। कुछ स्कूल कई साल पुराने हैं, ऐसे स्कूलों की दीवारों में दरारें आना, प्लास्टर गिरना, फर्श टूटना और छतों से पानी टपकना जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं।
मानसून के दौरान किसी भी तरह की दुर्घटना को रोकने के लिए, महानगरपालिका ने अपने अधिकार क्षेत्र में जिला परिषद स्कूलों का संरचनात्मक ऑडिट करना शुरू कर दिया है और रिपोर्ट मांगना शुरू कर दिया है। इन स्कूलों की स्थिति के बारे में महानगरपालिका ने संबंधित शिक्षा विभाग को समय पर उनकी मरम्मत और जीर्णोद्धार करने के निर्देश दिए हैं, ऐसा महानगरपालिका के उपायुक्त (शिक्षा) डॉ सुभाष जाधव ने कहा। इसके अलावा शेष स्कूलों की रिपोर्ट मांगी गई है।
ये हैं स्कूल
जिला परिषद के स्कूल नालासोपारा के धानिव, पेल्हार हाईवे, विरार-पूर्व चंदनसार कसराली, तल्याचा पाड़ा, कामन उर्दू, मनवेलपाड़ा विरार, नाले गांव, नेहरू हिंदी विद्यालय विरार पश्चिम,पतिचा पाड़ा, सोपारा उर्दू स्कूल बेहद (जर्जर अवस्था) खतरनाक स्कूलों में शामिल हैं।
स्कूल स्थानांतरण के प्रयास
महानगरपालिका की स्थापना के बाद से अब तक मनपा ने वसई-विरार शहर में एक भी स्कूल नहीं बनाया है। नागरिक लगातार मांग कर रहे हैं कि महानगरपालिका शहर में स्कूल बनाए, लेकिन जमीन और शिक्षा बोर्ड जैसी समस्याओं के कारण स्कूल नहीं बन पाए हैं। महानगरपालिका ने अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले जिला परिषद स्कूलों को स्थानांतरित करने के प्रयास शुरू कर दिए हैं।

`महानगरपालिका के अधिकार क्षेत्र में आने वाले जिला परिषद स्कूलों की स्थिति का आकलन किया जा रहा है। हम उन स्कूलों की मरम्मत के लिए सुझाव दे रहे हैं, जो बेहद खतरनाक और जोखिम भरे हैं।’
-डॉ. सुभाष जाधव, उपायुक्त (शिक्षण) मनपा

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