नेशनल इलेक्शन वॉच ने जारी किया डेटा
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए कुल १,६१८ उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है। इनमें से १६ फीसदी यानी २५२ के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। नेशनल इलेक्शन वॉच और असोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने प्रत्याशियों के शपथ पत्र का विश्लेषण करने के बाद यह डेटा जारी किया है। इसमें पहले चरण की ४२ सीटों पर रेड अलर्ट जारी किया गया है। रेड अलर्ट ऐसी सीटों पर जारी किया जाता है जिन पर तीन से अधिक उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज होते हैं।
बता दें कि १९ अप्रैल को पहले चरण के मतदान होने हैं, जिनमें २१ राज्यों की १०२ लोकसभा सीटों पर वोट पड़ेंगे। इस बार सात चरणों में मतदान कराए जाने हैं। १९ अप्रैल के बाद २६ अप्रैल, ०७ मई, १३ मई, २० मई, २५ मई और १ जून को वोट डाले जाएंगे। पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और बिहार में सातों चरणों में चुनाव होने हैं। इसके बाद ४ जून को परिणाम घोषित किए जाएंगे।
एडीआर रिपोर्ट की बात करें तो १० फीसदी उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर मुकदमे दर्ज हैं। सात ऐसे उम्मीदवार हैं, जिन पर हत्या, १८ पर महिलाओं के खिलाफ अपराध (जैसे रेप) और ३५ प्रत्याशियों के खिलाफ हेट स्पीच के मामले दर्ज हैं। रिपोर्ट में पता चला है कि ७७ में से २८ भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों ने शपथ पत्र में माना है कि उन पर आपराधिक केस दर्ज हैं। एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, १,६१८ प्रत्याशियों में से ४५० के पास १ करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है। भाजपा के ९० प्रतिशत प्रत्याशी करोड़पति हैं, वहीं कांग्रेस के ८८ फीसदी प्रत्याशियों के पास १ करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है। वहीं इस बार पहले चरण में चुनाव लड़ने वाले १० प्रत्याशी ऐसे भी हैं, जिनका कहना है कि उनके पास कोई संपत्ति नहीं है। बात करें सभी प्रत्याशियों की औसत संपत्ति की तो यह ४.५१ करोड़ है। टीएमसी के पांच प्रत्याशियों के पास औसतन ३.७२ करोड़ की संपत्ति है। संपत्ति के मामले में टॉप तीन प्रत्याशियों में कांग्रेस के नकुल नाथ (७१६ करोड़ से ज्यादा), एआईएडीएमके के अशोक कुमार (६६२ करोड़) और भाजपा के देवनाथन यादव टी (३०४ करोड़) शामिल हैं। सबसे कम संपत्ति की घोषणा करने वाले प्रत्याशी कांग्रेस से हैं।