-१,५०० करोड़ रुपए का फंड रिजर्व
-नेता प्रतिपक्ष के सवाल पर मंत्री का जवाब
सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य के २५ हजार छात्रों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सामाजिक न्याय विभाग द्वारा १२५ छात्रावास शुरू किए जाएंगे। इन छात्रावासों के लिए लगभग १,५०० करोड़ रुपए का फंड रिजर्व रखा गया है। इस तरह की जानकारी सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट ने विधान परिषद में दी। उन्होंने कहा कि सड़कों और नालियों के निर्माण की तुलना में विधायकों को अपनी तहसीलों में छात्रावासों को प्राथमिकता देनी चाहिए। इसके लिए सरकार द्वारा फंड दिया जाएगा।
बजट सत्र की कार्यवाही के दौरान नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने तारांकित प्रश्न के तहत कहा कि छत्रपति संभाजी नगर शहर में सामाजिक न्याय विभाग के अंतर्गत आने वाले सरकारी छात्रावास में छात्रों को घटिया क्वालिटी का भोजन और अपर्याप्त सुविधाएं दी जा रही हैं। इससे उन्हें काफी परेशानी हो रही है। इसके जवाब में मंत्री संजय शिरसाट ने बताया कि संभाजीनगर के इस छात्रावास में १,००० छात्र हैं। छात्रावास की खराब स्थिति के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सीधी कार्रवाई के निर्देश जिलाधिकारियों को दिए गए हैं।
१५ करोड़ रुपए आवंटित
छात्रावासों के लिए कुल १५ करोड़ रुपए का फंड आवंटित किया गया है, जिसमें से पहले चरण में ४.९९ करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। इसकी निविदा जारी की गई है। मंत्री संजय शिरसाट ने कहा कि जहां भी मांग होगी, वहां उच्च सुविधाओं वाले छात्रावास शुरू किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय विभाग द्वारा आदर्श छात्रावास बनाए जाएंगे।
सीईटी घोटाले में चार गिरफ्तार
राज्य की सीईटी परीक्षा में अनियमितताएं सामने आई हैं। इस मामले में मुंबई पुलिस ने दिल्ली के चार युवकों को गिरफ्तार किया है। राज्य के उच्च तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटील ने विधान परिषद में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एडमिशन दिलाने के नाम पर २० से २२ लाख रुपए का लेन-देन किया जा रहा था।
अब आयुक्त स्तर पर छात्रावास प्रवेश प्रक्रिया
छात्रावासों में एससी, एसटी जैसी श्रेणियों के मुताबिक विद्यार्थी न मिलने पर कई बार सीटें खाली रह जाती हैं। इसलिए नए नियम बनाकर इसमें बदलाव किया जाएगा। कई बार कॉलेज और छात्रावास के बीच की दूरी अधिक होने से विद्यार्थियों का समय और पैसा बर्बाद होता है। इसलिए कॉलेज परिसर के पास के छात्रावासों में प्रवेश देने पर विचार हो रहा है। अब छात्रावास प्रवेश की प्रक्रिया मंत्रालय स्तर पर न रखकर सामाजिक न्याय आयुक्त स्तर पर की जाएगी।