मुख्यपृष्ठनए समाचारलाडली योजना के लिए लूट शुरू! ...एक हाथ से अनुदान तो दूसरे...

लाडली योजना के लिए लूट शुरू! …एक हाथ से अनुदान तो दूसरे हाथ से वसूली में जुटी ‘ईडी’ सरकार

सामना संवाददाता / मुंबई
पिछले ढाई साल से घोटालों और भ्रष्टाचार में डूबी राज्य की ‘घाती’ सरकार को विधानसभा चुनाव सामने देखकर पसीने छूट रहे हैं। इसलिए वो तमाम लोकलुभावन योजनाएं लाकर वोटरों को लुभाने की भरपूर कोशिश कर रही है। ‘लाडली बहन योजना’ भी इनमें से एक है। पर समस्या यह है कि सरकार ने योजना की घोषणा तो कर दी है, पर इसके लिए खजाने में पैसा ही नहीं हैं। इसलिए यहां-वहां की योजनाओं में कटौती करके फंड जुटाने की कोशिश की जा रही है। मगर इसके बाद भी जब पर्याप्त फंड नहीं आया तो लाडली बहन योजना के लिए अब जनता की जेब लूटने का प्रोग्राम किया गया है। इसके तहत सरकार ने १००-२०० के स्टैम्प पेपर को बंद करके इसे न्यूनतम ५०० रुपए अनिवार्य करने जा रही है। बता दें कि सरकारी दस्तावेजों की तैयारियों में बदलाव के तहत अब १०० और २०० रुपए के स्टैम्प पेपर का उपयोग समाप्त किया जा रहा है। अब न्यूनतम ५०० रुपए के स्टैम्प पेपर पर ही दस्तावेज तैयार किए जा सकेंगे।
बहनों को देगी भाइयों से लेगी!

वाह रे ईडी सरकार
बहनों को देगी भाइयों से लेगी!
४५ हजार करोड़ के अनुदान के लिए १० हजार करोड़ की जुगाड़

विधानसभा चुनावों से पहले सरकार ने विभिन्न योजनाओं के लिए बड़ा बजट आवंटित किया है, जिससे खजाना खाली हो गया है इसलिए राजस्व में वृद्धि के लिए ऐसा निर्णय लिया गया है।

‘ईडी’ सरकार ने वोटरों को लुभाने के लिए ‘लाडली बहन’ जैसी तमाम योजनाएं तो शुरू कर दी हैं, पर अब इसके लिए फंड का टोटा हो गया है। ऐसे में सरकार ने एक नया तरीका खोजा है। यह तरीका है, भाई से लेकर बहन के हाथ में देने का। इस तिकड़म के तहत ‘ईडी’ सरकार ने स्टैम्प पेपर में बड़ा खेल कर दिया है। १०० व २०० रुपए के स्टैम्प पेपर को खत्म कर दिया है। अब ५०० रुपए के स्टैम्प पेपर को अनिवार्य कर दिया गया है। इस निर्णय से सरकार ने भाइयों के जेब पर डाका डाला है। इससे एक तरह से सरकार बहनों को दे रही है तो उसके लिए भाइयों से वसूली कर रही है।
मिली जानकारी के अनुसार, अब चाहे खरीद-बिक्री, नोटरी, या फिर अधिकार या प्रतिज्ञा पत्र से जुड़ा मामला हो, सभी के लिए ५०० रुपए का स्टैम्प पेपर आवश्यक होगा। असल में सरकार को ‘लाडली बहन’ योजना के लिए ४५ हजार करोड़ रुपए की जरूरत है। अब ५०० रुपए के स्टैम्प पेपर को अनिवार्य करके सरकार ने करीब १०,००० करोड़ का जुगाड़ तो कर ही लिया है। ५०० रुपए के स्टैम्प पेपर से आम भाइयों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा। बताया जा रहा है कि विधानसभा चुनावों से पहले सरकार ने विभिन्न योजनाओं के लिए बड़ा बजट आवंटित किया है, जिससे खजाना खाली हो गया है इसलिए राजस्व में वृद्धि के लिए ऐसा निर्णय लिया गया है। बता दें कि तहसील या राजस्व कार्यालय में अब तक मात्र सौ, दो सौ रुपए में स्टैम्प पेपर पर काम किया जाता था। लेकिन अब व्यक्तिगत कारणों समेत बैंक और विभिन्न कामों के किए जाने वाले एफिडेविट समेत क्रय-विक्रय, अधिकार त्यागने के लिए अब पांच सौ रुपए स्टैम्प का न्यूनतम शुल्क देना होगा। अब तक सरकारी कार्यों में स्टैम्प शुल्क की छूट दी जाती थी, जिसमें कोई बदलाव नहीं किया गया। लेकिन अब लाडली बहन योजना या भाऊ योजना अथवा अन्य योजना, जिससे सरकारी खजाने पर बोझ पड़ा है, इसकी भरपाई के लिए राजस्व विभाग ने स्टैम्प पेपर के लिए यह निर्णय लिया है। बता दें कि पहले तहसील या राजस्व कार्यालय में १०० या २०० रुपए के स्टैम्प पेपर पर दस्तावेज तैयार किए जाते थे। व्यक्तिगत कारणों से, बैंकिंग कार्यों या विभिन्न जरूरतों के लिए शपथ पत्र, खरीद-बिक्री के बाद के दस्तावेज और अधिकार पत्र जैसे दस्तावेजों के लिए अब ५०० रुपए का शुल्क देना होगा। राज्य सरकार की योजनाओं जैसे ‘लाडली बहन’ योजना के कारण अन्य योजनाओं के लिए धन की कमी हो गई है, जिसे पूरा करने के लिए सरकार ने राजस्व बढ़ाने हेतु यह कदम उठाया है।

अन्य समाचार