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सऊदी के राजदूत से प्यार … बांग्लादेशी ब्यूटी क्वीन को कारागार! …यूनुस सरकार ने खुन्नस निकाला

सामना संवाददाता / कोलकाता
सऊदी अरब के राजदूत एसा यूसुफ से प्यार करने के चक्कर में एक बांग्लादेशी ब्यूटी क्वीन को कट्टरपंथी यूनुस सरकार ने कारागार में डाल दिया है। इस ब्यूटी क्वीन का नाम मेघना आलम है और वह २०२० में मिस बांग्लादेश और मिस अर्थ चुनी गई थी।
बांग्लादेश की इस स्टोरी में फिल्मों की तरह रोमांच और सस्पेंस हैं। मेघना मॉडल, ब्यूटी क्वीन और सोशल एक्टिविस्ट हैं। आरोप है कि उनकी कथित ‘प्रेम कहानी’ की वजह से दो देशों के राजनयिक संबंधों में उतार-चढ़ाव आ गया है। वैसे भी कट्टरपंथियों की नजर में प्यार करना गुनाह है और यूनुस सरकार ने इसी खुन्नस में मेघना को जेल में डाल दिया है। मेघना को मोहम्मद यूनुस सरकार ने विशेष अधिकारों के तहत ३० दिनों के लिए जेल में डाला है। उनके समर्थकों के अनुसार, उन्हें बिना किसी औपचारिक आरोप के हिरासत में रखा गया है।

बांग्लादेशी सुंदरी की गिरफ्तारी
घर में आधी रात घुसी पुलिस!
पूर्व मिस अर्थ पर वसूली का लगाया आरोप

बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की कट्टरपंथी सरकार ने पूर्व मिस अर्थ को गिरफ्तार कर लिया है। अपनी गिरफ्तारी से पहले मेघना आलम ने फेसबुक पर लाइव स्ट्रीम कर आरोप लगाया था कि बांग्लादेश पुलिस की विशेष जासूसी शाखा, डीबी पुलिस, ९ अप्रैल की आधी रात को उसे गिरफ्तार करने के लिए ढाका स्थित उसके घर में घुस रही थी। उस समय खूब हंगामा हुआ था। मेघना की गिरफ्तारी पर पुलिस ने हास्यापद प्रतिक्रिया देते हुए उसकी हिरासत की पुष्टि की और कहा कि उस पर ‘स्टेट की सुरक्षा में बाधा डालने’ और ‘देश के वित्तीय हितों को नुकसान पहुंचाने’ का आरोप है। मेघना की गिरफ्तारी बांग्लादेश के विशेष अधिकार अधिनियम के तहत की गई, जो लोगों को अनिश्चित काल तक हिरासत में रखने की अनुमति देता है। गिरफ्तारी के दो दिन के बाद और लंबी अदालती कार्यवाही के बाद मेघना को सरकार के स्पेशल पावर एक्ट के तहत जेल भेज दिया गया। बांग्लादेशी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने कहा कि मेघना ने एसा यूसुफ से ‘जबरन ५ मिलियन डॉलर’ वसूलने की कोशिश की। एसा यूसुफ हाल ही में बांग्लादेश में सऊदी अरब के राजदूत के रूप में सेवा करने के बाद देश छोड़कर चले गए थे।

३० दिनों की हिरासत
गृह मंत्रालय के आदेश के अनुसार, अगले दिन कोर्ट ने उसे ३० दिनों की हिरासत में रखने का आदेश दिया। इस बीच मेघना आलम की गिरफ्तारी पर बांग्लादेश में हंगामा मच गया। इस विवाद के बीच डीएमपी के अतिरिक्त आयुक्त रेजाउल करीम मलिक को उनके पद से हटा दिया गया। रविवार को यूनुस सरकार के सलाहकार आसिफ नजरुल ने माना कि मेघना की गिरफ्तारी उचित तरीके से नहीं की गई। उन्होंने पत्रकारों से कहा, ‘उसके खिलाफ कुछ आरोप हैं, लेकिन विशेष अधिकार अधिनियम के तहत उसकी गिरफ्तारी ठीक से नहीं की गई।’

चुप रहने का दबाव
अब डिलीट हो चुके एक फेसबुक पोस्ट में मेघना ने दावा किया था कि बांग्लादेश में सऊदी राजदूत एसा यूसुफ लोगों को पुलिस के जरिए डरा रहे हैं कि मैं सोशल मीडिया पर सच्चाई पोस्ट न करूं। विवाद बढ़ने के बाद जल्द ही मेघना ने सार्वजनिक रूप से बोलना शुरू कर दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट भी करने शुरू कर दिए।

दी गई धमकियां
मेघना ने दावा किया कि उन्हें धमकियां मिली हैं और वह सुरक्षित नहीं हैं। मेघना की गिरफ्तारी के बाद ट्विटर और फेसबुक पर यह मामला ट्रेंड करने लगा। लोगों ने इसे अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला बताया और उनकी रिहाई की मांग की, लेकिन यूनुस सरकार नहीं झुकी।

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