-इलाज के लिए मांगा `८ लाख, `१२५ में ठीक हुआ मरीज
– परिजनों ने मुख्यमंत्री से की शिकायत
-कार्रवाई के साथ २४ हजार वापस मांगे
सामना संवाददाता / लखनऊ
लखनऊ का जाना-माना मेदांता अस्पताल एक बार फिर विवादों में घिर गया है। यह विवाद अधिक पैसे मांगने को लेकर है। लखनऊ के मेदांता अस्पताल के खिलाफ एक शख्स ने बड़ा गंभीर आरोप लगाया है। मोहन स्वरूप ने मुख्यमंत्री से आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत करते हुए लिखा कि उनकी उम्र ४५ वर्ष है, वो २३ मई २०२४ को लगभग शाम ४.३० बजे चक्कर आने के कारण घर पर गिर गए और पसीने से लथपथ हो गए। आनन-फानन में उनके भाई और पत्नी ने उन्हें मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल में डॉ. महिम सरन (कार्डियोलॉजी) और डॉ. अवनीश (कार्डियोलॉजी) ने उनकी एंजियोग्राफी और अन्य जांच करवाईं।
जांच के बाद उनके भाई और उनकी पत्नी से ८ लाख रुपए की डिमांड की गई और कहा गया कि अगर तीस मिनट के अंदर रुपए की व्यवस्था नहीं हुई तो वे मर जाएंगे। उन्होंने कहा कि उनके भाई और उनकी पत्नीr के पास इतने रुपए की व्यवस्था नहीं थी और मात्र दो लाख रुपए नकद थे। फिर थोड़ी देर बाद उनके दोस्त मनोज कुमार आए और वो मुझे अपने साथ ग्लोबल अस्पताल डॉ. दीपक अग्रवाल के यहां ले चलने की बात कही और मेदांता से डिस्चार्ज कराने को कहा। वहीं जब डिस्चार्ज की बात आई तो दोनों डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ बदतमीजी और गाली-गलौज कर झगड़े पर उतारू हो गए। फिर किसी तरह उनके भाई और पत्नी डिस्चार्ज करा पाए। रात में ही उन्हें ग्लोबल अस्पताल में डॉ. दीपक अग्रवाल के यहां ले गए। जहां मात्र १२५ रुपए की दवा लेकर और तीन इंजेक्शन देने के बाद उनको राहत मिल गई। उन्होंने मामले में कठोर कार्रवाई करने और उनके २४ हजार रुपए वापस कराने की मांग की।
अस्पताल की सफाई
इस मामले में अस्पताल ने बयान जारी करते हुए कहा कि इस मरीज की जांच हुई। जांच में दाहिनी कोरोनरी आर्टियरी में ब्लॉकेज निकला, जिसके बारे में मरीज को विस्तारपूर्वक बताया गया, जिसके बाद मरीज और उसकी पत्नी ने आगे इलाज कराने से मना कर दिया और मरीज को डिस्चार्ज कराकर ले गए। अस्पताल ने कहा मरीज का यह आरोप कि उनका वाल्व खराब बताया गया है यह बिल्कुल गलत एवं निराधार है।