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कुंभकरण की नींद सो रही मध्यप्रदेश सरकार: कमलनाथ

महिलाओं और बच्चों से दुष्कर्म के मामले में देश में तीसरे नंबर पर है मध्य प्रदेश

सामना संवाददाता/भोपाल

मध्य प्रदेश दिन-प्रतिदिन महिलाओं और बच्चियों के लिए असुरक्षित प्रदेश बनता जा रहा है। पिछले दो महीने में जिस तरह से बच्चियों और महिलाओं के साथ बलात्कार एवं सामूहिक दुष्कर्म के समाचार मीडिया में आ रहे हैं, उससे महिला सुरक्षा को लेकर अत्यंत गंभीर खतरा खड़ा हो गया है।

समाचार इतने भयानक हैं कि महू में सेना की सुरक्षा वाले इलाके में सेना अफसरों के साथ मौजूद युवतियों से बलात्कार की घटना सामने आती है। भोपाल में स्कूल में छोटी बच्ची दरिंदगी का शिकार होती हैं। छतरपुर में बलात्कारियों के हौसले इतने बढ़ जाते हैं कि वह पीड़िता के घर में घुसकर परिजनों को गोली मार देता है और खंडवा में घर के बाहर खड़ी बलात्कार पीड़िता के ऊपर आरोपी का बेटा पेट्रोल डालकर आग लगा देता है। 24 सितंबर को प्रदेश के चार शहरों जबलपुर, रीवा, मैहर और दतिया से सामूहिक बलात्कारों की खबर सामने आती है। इन सब घटनाओं के बीच मध्य प्रदेश की सरकार कुंभकरण की नींद सो रही है और महिला सुरक्षा के लिए कोई भी ठोस उपाय अब तक नहीं किया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज जारी बयान में यह बात कही।

कमलनाथ ने कहा कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं से बलात्कार के मामले में मध्य प्रदेश देश में तीसरे नंबर पर है। इस अवधि में मध्य प्रदेश में बलात्कार के 3029 मामले दर्ज किए गए। इसके अलावा 3049 महिलाएं छेड़खानी का शिकार हुई और 1445 महिलाएं शारीरिक शोषण का शिकार हुई। प्रदेश में पास्को से जुड़े अपराधों में 5951 मामले दर्ज किए गए इनमें से बलात्कार के 3641 मामले हैं। महिलाओं और नाबालिग से हुए बलात्कारों को देखें तो प्रदेश में हर दिन 18 बलात्कार हो रहे हैं।

कमलनाथ ने कहा कि महिला अधिकारों के प्रति भारतीय जनता पार्टी की सरकार कितनी असंवेदनशील है इसे इसी बात से समझा जा सकता है कि पिछले 4 वर्ष से राज्य महिला आयोग में अध्यक्ष का पद खाली पड़ा है। महिला आयोग में शिकायतों का अंबार लगता जा रहा है लेकिन सुनवाई करने के लिए वहां कोई जिम्मेदार व्यक्ति नहीं है।

महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा किसी भी राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। लेकिन मध्य प्रदेश में ऐसा लगता है कि पहले शिवराज सिंह चौहान की सरकार में और अब डॉक्टर मोहन यादव की सरकार में बेटियां लगातार असुरक्षित बनी हुई हैं। महिला सुरक्षा के मामले जब सरकार के सामने लाए जाते हैं तो उसे पर कार्रवाई करने की बजाय भाजपा के नेता कुतर्क करने पर ज्यादा ध्यान देते हैं।
पिछले दो महीने में हुए महिला अत्याचार के मामलों की कुछ प्रमुख घटनाएं बनाते हुए कमलनाथ ने कहा:

12 अक्टूबर 2024
खंडवा में घर के बाहर खड़ी बलात्कार पीड़िता पर आरोपी के बेटे ने पेट्रोल डालकर आग लगाई।

6 अक्टूबर 2024
छतरपुर में बलात्कार पीड़िता के परिवार पर आरोपी ने हमला किया। लड़की के दादा की मौत। चाचा घायल।

6 सितंबर 2024
उज्जैन में सड़क में खुले में बलात्कार का वीडियो सामने आया।

11 सितंबर 2024
महू में दो सैनिक अफसर की मित्रों के साथ सामूहिक बलात्कार और लूट।

11 सितंबर 2024
भोपाल में स्कूल में 3 साल की बच्ची से रेप।

3 अक्टूबर 2024
रीवा से 1 साल पहले गायब की गई 15 साल की बच्ची को बलात्कार कर राजस्थान में ₹300000 में बेच दिया गया।

24 सितंबर 2024
जबलपुर में 17 साल की लड़की से गैंगरेप, रीवा में कॉलेज छात्रा से बदला लेने के लिए गैंगरेप, मैहर में एक लड़की से गैंगरेप और दतिया में गैंगरेप की वारदातें 24 घंटे के भीतर सामने आई।

कमलनाथ ने कहा कि यह कुछ उदाहरण हैं जिनके कारण महिलाओं पर अत्याचार की घटनाओं से प्रदेश का सिर शर्म से झुका देते हैं।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री जो स्वयं गृहमंत्री भी हैं उन्हें अब कोरी बयानबाजी छोड़कर महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के मामले में सख्त कदम उठाने चाहिए। अपराध की घटना घटने के बाद आरोपियों पर कार्रवाई करना अपनी जगह है, लेकिन असल बात है कि कानून व्यवस्था का ऐसा माहौल प्रदेश में तैयार किया जाए कि अपराधी इस तरह का कदम उठाने से भयभीत हों।

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