मुख्यपृष्ठअपराध  मुंबई का माफियानामा : चर्चिल की चीरफाड़

  मुंबई का माफियानामा : चर्चिल की चीरफाड़

विवेक अग्रवाल

हिंदुस्थान की आर्थिक राजधानी, सपनों की नगरी और ग्लैमर की दुनिया यानी मुंबई। इन सबके इतर मुंबई का एक स्याह रूप और भी है, अपराध जगत का। इस जरायम दुनिया की दिलचस्प और रोंगटे खड़े कर देनेवाली जानकारियों को अपने अंदाज में पेश किया है जानेमाने क्राइम रिपोर्टर विवेक अग्रवाल ने। पढ़िए, मुंबई अंडरवर्ल्ड के किस्से हर रोज।

डीएस ने गोवा के तत्कालीन मुख्यमंत्री चर्चिल अलेमाओ को भी नहीं बख्शा…
१९९१ में गोवा में दयाशंकर के मातहत इं. कोस्टो फर्नांडीस ने एक कमाल किया…
कोस्टो ने तस्करी का सोना लेकर भागते चर्चिल के भाई अल्वेरनाज को गोली मार दी…
सीबीआई ने मामले की जांच की…
फर्नांडीस को हत्या का आरोपी बना कर अदालत में पेश किया…
अदालत ने पेश सबूतों के आधार पर फर्नांडीस को हत्या का दोषी करार दिया…
…दयाशंकर इस मामले में पीछे न हटे।
डीएस यह मामला सुप्रीम कोर्ट ले गए। फर्नांडीस को बाइज्जत बरी करवाया और बहादुरी के लिए राष्ट्रपति पदक दिलाया।
चर्चिल के खिलाफ भी दयाशंकर ने कोफेपोसा में मामला दर्ज किया। चर्चिल इससे दयाशंकर से नाराज हो उठा लेकिन उन पर वो हथकंडे कभी न आजमा सका, जो अन्य अफसरान पर आजमाता था। चर्चिल ने पहले तो डीएस को पैसे का लालच दिया। उससे बात न बनी। चर्चिल समेत उसकी पूरी फौज ने डीएस को डराने की बहुत कोशिश की। उससे भी बात न बनी। उनके खिलाफ रिश्वतखोरी के झूठे मामले बनाने की कोशिश कीं। ये साजिश भी काम न कर सकी।
डीएस जब तक गोवा में रहे, पूरी आन-बान और शान से रहे। अंतत: उनका तबादला फिर मुंबई करवाना पड़ा, तब जाकर कहीं चर्चिल की जान छूटी।
महाराष्ट्र ही नहीं, गोवा और गुजरात तक डीएस का साथ निभा चुके इस मुखबिर ने लाखों रुपए का इनाम उनके हाथों हासिल किया था। उनके लिए चर्चिल का मामला बड़ा जटिल रहा:
– डीएस रबर की गेंद जैसे थे, जितना जोर से दबाओ, उतना जोर से उछल कर आपको ही लगेंगे।
(एबी की जुबानी)

(लेखक ३ दशकों से अधिक अपराध, रक्षा, कानून व खोजी पत्रकारिता में हैं, और अभी फिल्म्स, टीवी शो, डॉक्यूमेंट्री और वेब सीरीज के लिए रचनात्मक लेखन कर रहे हैं। इन्हें महाराष्ट्र हिंदी साहित्य अकादमी के जैनेंद्र कुमार पुरस्कार’ से भी नवाजा गया है।)

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