रामदिनेश यादव
महाराष्ट्र में एनडीए के बीच ठाणे लोकसभा सीट को लेकर जारी गहमागहमी अब तक थमती नजर नहीं आ रही है। सूत्रों की मानें तो भाजपा ठाणे लोकसभा सीट एकनाथ शिंदे गुट को देने के लिए अब भी राजी नहीं है इसीलिए इस सीट पर प्रत्याशी की औपचारिक घोषणा नहीं हो पा रही है। भाजपा को ऐसा लगता है कि ठाणे से शिंदे गुट को हार का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में भाजपा यहां से जोर लगा रही है। भाजपा में भी अलग-अलग चेहरों के बीच विवाद है।
अब खबर आ रही है कि शिंदे गुट ठाणे सीट को लेकर आगे आ गया है। शिंदे गुट इस सीट पर दावा कर रहा है। यह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की गृह सीट भी है, जबकि भाजपा जो पहले से ही इस सीट पर अपना दावा ठोक रही है, अब दोनों के बीच तनाव बढ़ गया है। भाजपा ने इस सीट के लिए गणेश नाईक परिवार को वादा किया है। भाजपा को लगता है कि गणेश नाईक परिवार से ही कोई व्यक्ति सीट के लिए सही साबित होगा और शिंदे गुट से यदि कोई खड़ा होता है तो वह निश्चित ही टिक नहीं पाएगा। क्षेत्र में शिवसेना के साथ गद्दारी करने वालों के खिलाफ स्थानीय लोगों में काफी रोष दिख रहा है, जिसका असर यहां पर शिंदे गुट पर पड़ सकता है। शिंदे गुट को झटका लगना तय है। ऐसे में भाजपा इस सीट के लिए पूरी ताकत झोंक रही है। सूत्रों की मानें तो भाजपा यहां से संजीव नाईक को टिकट देने के पक्ष में नजर आ रही है।
उधर शिंदे गुट की ओर से भी साफ संकेत मिल रहा है कि वह इस सीट को नहीं छोड़ेगा। इसके लिए उसने भ्रष्टाचार के आरोप में फंसे प्रताप सरनाईक का नाम आगे किया है। इस सीट पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने राजन विचारे को पहले ही उतार दिया है। राजन विचारे सीट से लगातार दूसरी बार सांसद बनने की तैयारी में हैं।
गौरतलब है कि ठाणे लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा सीटें- मीरा-भायंदर, कोपरी-पचपखाड़ी, ओवला-माजीवाड़ा, ठाणे, ऐरोली और बेलापुर हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी कोपरी-पचपखाड़ी सीट से विधायक हैं। सूत्रों के मुताबिक, दक्षिण मुंबई, ठाणे, पालघर, नासिक लोकसभा सीटों को लेकर महायुति में पेंच फंसा हुआ है। माना जा रहा है कि दक्षिण मुंबई और पालघर सीटें भाजपा के खाते में जाएंगी, जबकि ठाणे और नासिक से शिंदे गुट को उम्मीदवारी मिल सकती है।