मुख्यपृष्ठस्तंभमहा-संग्राम : शिंदे गुट से अपने ही खफा हो गए!

महा-संग्राम : शिंदे गुट से अपने ही खफा हो गए!

रामदिनेश यादव

प्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर महायुति में महासंग्राम मचा हुआ है। सीटों के बंटवारे के साथ-साथ तमाम मुद्दों पर महायुति अभी उलझी हुई है। भाजपा, शिंदे गुट और अजीत पवार गुट में घमासान जारी है। कहीं-कहीं पर सीटों के बंटवारे से इतनी नाराजगी है कि लोग महायुति के प्रत्याशी के खिलाफ जाने को तैयार हैं। स्थिति ऐसी भी है कि शिंदे गुट की पकड़ मजबूत होने के बाद भी वहां पर अजीत पवार गुट को सीट दे दिया गया है, जिसे लेकर शिंदे गुट के लोग अपने ही नेताओं से खफा हो गए हैं। शिंदे गुट के लोग अब नाराज होकर फिर से शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष में आने पर जोर दे रहे हैं। यही हाल रायगढ़ में है। यहां शिंदे गुट में गए विधायक तो कई हैं, लेकिन लोकसभा का टिकट अजीत पवार गुट को मिला है। ऐसे में स्थानीय लोग शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के पक्ष में जाने की संभावना जता रहे हैं। यहां पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने पूर्व मंत्री और वरिष्ठ शिवसेना पदाधिकारी अनंत गीते को फिर से उतारा है। उनके सामने एनसीपी अजीत पवार गुट के सुनील तटकरे को टिकट दिया गया है। लेकिन माना जा रहा है कि स्थानीय क्षेत्रों में अजीत पवार गुट का वोट बैंक नहीं होने की वजह से यहां पर शिवसेना को बढ़िया लाभ हो रहा है। गीते को बड़ी आसानी से जीत मिलने की संभावना है।
रायगड लोकसभा क्षेत्र में दो अलग हुए दलों, राकांपा और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेताओं के बीच मुकाबला है। रायगड लोकसभा में एक बार फिर सुनील तटकरे और अनंत गीते के बीच मुकाबला होने जा रहा है। बेशक इस बार २०१९ जैसी स्थिति नहीं है। एनसीपी और शिंदे गुट में भी फूट पड़ गई है।
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के विधायक भास्कर जाधव यहां झंडा गाड़े हुए हैं। रायगड लोकसभा क्षेत्र में बदली हुई राजनीतिक स्थिति से निश्चित रूप से आगामी लोकसभा चुनावों में शिवसेना के पक्ष में निर्णय आने की संभावना है। चूंकि, रायगड लोकसभा क्षेत्र पहाड़ों में पैâला हुआ है, इसलिए इस क्षेत्र में राजनीतिक आधार बनाना मुश्किल है। रायगड लोकसभा क्षेत्र में अलीबाग, पेण, श्रीवर्धन, महाड और रत्नागिरी जिले के छह विधानसभा क्षेत्र दापोली और गुहागर शामिल हैं।

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