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महाराज पर महासंकट …मौर्य की इच्छाएं फिर उफान पर! …कलश यात्रा में दिखी भाजपा की कलह

सामना संवाददाता / लखनऊ
बीजेपी के लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर के बहाने यूपी की राजनीति में एक बार फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के बीच कोल्ड वॉर शुरू हो गया है। नंदकिशोर गुर्जर को योगी आदित्यनाथ सरकार की सार्वजनिक स्थानों पर आलोचना कर बीजेपी की छवि खराब करने के आरोप में नोटिस जारी किया गया है। नोटिस मिलने के बाद नंदकिशोर गुर्जर को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से मिले समर्थन को अप्रत्याशित नहीं माना जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि गुर्जर के ताजा आरोप पिछले हफ्ते तब सामने आए, जब पुलिस ने उन्हें रामचरितमानस के साथ कलश यात्रा निकालने से रोका। यह यात्रा २०१० से गुर्जर द्वारा आयोजित नौ दिवसीय रामकथा का हिस्सा थी। विधायक ने दावा किया कि उनके पास इस जुलूस की अनुमति थी और उनके समर्थकों की पुलिस के साथ झड़प हुई। गुर्जर ने आरोप लगाया कि झड़प में उनके कपड़े फट गए और महिलाओं पर भी पुलिस ने लाठीचार्ज किया। गुर्जर इस घटना के बाद से अपने फटे कुर्ते के साथ घूम रहे हैं और इस घटना के विरोध में अनशन पर हैं। गुर्जर, गाजियाबाद की लोनी सीट से दो बार विधायक रहे हैं।
योगी सरकार को बताया सबसे भ्रष्ट
गुर्जर ने योगी सरकार को सबसे भ्रष्ट बताते हुए कहा कि सीएम को तंत्र-मंत्र के जरिए कंट्रोल किया जा रहा है। योगी आदित्यनाथ पिछले दो सालों से अधिकारियों के प्रभाव में काम कर रहे हैं। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह तंत्र-मंत्र के जरिए सीएम को कंट्रोल कर रहे हैं। अगर सपा की सरकार होती तो सीएम के घर में घुस जाते। यही नहीं कलश यात्रा के दौरान पुलिस से हुई हाथापाई के बाद गुर्जर ने कहा कि रामचरित मानस अगर जमीन पर गिर जाता तो गाजियाबाद से लखनऊ तक हिल जाता।

सरकार पर कर रहे हैं लगातार हमले
नंदकिशोर गुर्जर का व्यवहार सीएम योगी के लिए इस तरह का है जैसा कि उन्होंने किसी से उनको बदनाम करने के लिए सुपारी ले ली हो। गुर्जर पिछले २ महीने से लगातार चीफ सेक्रेटरी के खिलाफ यानी कि प्रदेश सरकार के खिलाफ बोल रहे हैं। पुलिस के खिलाफ तो वो कई सालों से बोलते रहे हैं। गुर्जर के निशाने पर गाजियाबाद आने वाले करीब सभी पुलिस अधिकारी रहे हैं। कभी आरोप होता है कि उनको मारने की साजिश हो रही है तो कभी पुलिस वाले उनकी सुनते नहीं हैं। प्रशासनिक अधिकारियों के बेअंदाज होने की शिकायत को लेकर ही वो योगी आदित्यनाथ सरकार पर लगातार हमले करते रहे हैं।

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