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सरकार के जुमले भारी महाराष्ट्र पर लंबी कर्जदारी! …किसानों, लाडली बहनों से ठगी … लाडले ठेकेदारों को प्रावधान भारी …उद्धव ठाकरे का बोगस और बेकार बजट पर जोरदार हमला

महायुति सरकार के बजट में कुछ भी नया नहीं है। यह बजट बोगस और बेकार है। इस तरह की प्रतिक्रिया कल शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने दी। उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार के जुमले भारी हैं। इसी के चलते महाराष्ट्र पर कर्जदारी बढ़ती जा रही है। इस सरकार ने बजट में किसानों और ‘लाडली बहनों’ से ठगी की है। हालांकि, ‘लाडले ठेकेदारों’ के लिए भारी प्रावधान किया है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि आचार्य अत्रे होते तो वे कहते कि पिछले दस हजार वर्षों में इतना बोगस बजट कभी नहीं देखा।
उद्धव ठाकरे ने कल विधानभवन के पत्रकार कक्ष में मीडिया से बातचीत में महायुति सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि बजट का सार निकाला गया, तो कल का सूर्य उदय हो जाएगा और सभी को प्रकाश मिलेगा। विटामिन डी भी मिलेगा। इस आशय वाला यह बजट है।

मुंबई का नहीं ठेकेदारों का विकास!
उद्धव ठाकरे ने बजट की उड़ाई धज्जियां

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने कल महायुति सरकार के बजट की जोरदार तरीके से धज्जियां उड़ाते हुए कहा कि सरकार ने विद्यार्थियों को १० हजार रुपए, ४५ हजार गांवों में पक्की सड़कें बनाने, आंगनवाड़ी और आशा सेविकाओं को सुरक्षा कवच देने और सौर ऊर्जा के संबंध में किसानों को वचन दिया था, लेकिन सरकार ने आम जनता के लिए कुछ नहीं किया, जबकि पसंदीदा ठेकेदारों के लिए भरपूर बजट आवंटित किया गया है। उन्होंने कहा कि मुंबई में ६४,८९३ करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं की घोषणा बजट में की गई। यह मुंबई का नहीं बल्कि ठेकेदारों का विकास है।
बेतहाशा विज्ञापनबाजी
चुनाव के समय महायुति ने बेतहाशा विज्ञापनबाजी की थी। उदाहरण के तौर पर उसमें से एक विज्ञापन को दिखाते हुए नीचे की दो लाइनों के शब्दों को बदलते हुए उन्होंने कहा कि ‘मारे थे जुमले भारी, महाराष्ट्र को किया कर्जदारी’ इसे लेकर महायुति सरकार को विज्ञापन देना चाहिए।

मालिक के दोस्त पर मेहरबानी क्यों?
मुंबई महानगर क्षेत्र में दो हवाई अड्डों को मेट्रो से जोड़ने की घोषणा की भी उद्धव ठाकरे ने चीरफाड़ कर दी। उन्होंने कहा कि अडानी को हवाई अड्डे दहेज में दिए गए हैं और उन्हें मेट्रो से जोड़ने का काम अडानी का है, सरकार का नहीं। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि क्या सिर्फ मालिक के दोस्तों के हित के लिए काम कर रहे हो? उन्होंने यह भी चुनौती दी कि नए हवाई अड्डों का विस्तार और विकास कर रहे हो, तो चिप्पी हवाई अड्डा क्यों बंद हुआ, यह भी बताओ। उन्होंने यह भी पूछा कि मेट्रो पर खर्च कर रहे हो, तो बेस्ट पर क्यों नहीं करते? उन्होंने कहा कि किसानों को मुफ्त बिजली देने के बजाय २४ घंटे बिजली दो, ऐसी मांग है। लेकिन अब उन्हें भारी-भरकम बिल आने लगे हैं।

महाराष्ट्र को खाई में डालने की कोशिश
प्रधानमंत्री आवास योजना के बहाने निजी डेवलपर्स को ५० करोड़ का अतिरिक्त फंड दिया जा रहा है। इस बारे में केंद्र की ओर से महायुति सरकार से सवाल किया गया। यह बजट यानी बेकार योजना है, विकास नहीं, बल्कि महाराष्ट्र को खाई में डालने की कोशिश है। यह काम भी शुरू हो चुका है। बजट में पेश की गई आधे से अधिक परियोजनाएं पहले से ही शुरू हो चुकी थीं। उन्होंने कहा की लाडली बहन योजना जिस समय शुरू हुई थी, तब ३६,००० करोड़ रुपए मंजूर किया गया था। उसके बाद इस प्रावधान को ४६,००० करोड़ रुपए किया गया। आज सरकार की ओर से बोला गया कि लाडली बहन योजना के लिए बजट में ३६,००० करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया। उसमें से ३३,००० करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए। फिर पहले ही यह घोषित कर देना चाहिए था कि यह योजना फ्यूचर में लाएंगे। तब लाडली बहनें भी फ्यूचर में वोट देने का विचार की होतीं।
१० जुमलों में से क्या एक भी पूरा किया?
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने महायुति सरकार द्वारा पेश बजट पर सवाल किया कि ईवीएम घोटाला करके यह सरकार सत्ता में आई, लेकिन बहुमत हासिल करने वाली इस सरकार ने अपने वचननामा में दिए गए १० जुमलों में से क्या एक को भी पूरा किया? सरकार के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा कामों को स्थगित करने वाला ‘मैं उद्धव ठाकरे नहीं’ वाले तंज पर फिर से उद्धव ठाकरे ने उनकी खबर ली। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे बनना है, तो लाडली बहनों को २,१०० रुपए दो, किसानों के कर्ज माफ करो, ऐसा आपने कहा था, उसमें से एक भी वादा सरकार ने पूरा नहीं किया। आप हर एक को भोजन और छत कब देंगे?

 

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