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महाराष्ट्र दिवालिया होने की कगार पर!

-प्रत्येक नागरिक पर है ६१ हजार रुपयों का कर्ज… राकांपा (शप) का आरोप

सामना संवाददाता / मुंबई

राज्य सरकार की वित्तीय अनुशासनहीनता के कारण कर्ज का बोझ बढ़ रहा है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) के विधायक राजेश टोपे ने आंकड़े पेश करते हुए कहा कि अगर राज्य पर कुल बोझ ७ लाख ८२ हजार करोड़ रुपए का है, तो राज्य के प्रत्येक नागरिक पर ६१ हजार ३६१ रुपए का कर्ज है।
बजट पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए राजेश टोपे ने आंकड़े पेश किए और तस्वीर पेश की कि किस तरह राज्य का वित्तीय अनुशासन बिगड़ रहा है। राज्य ने कानून के मामले में वित्तीय अनुशासन का पालन नहीं किया है। २०२४-२५ में राज्य पर ७ लाख ८२ हजार ९८१ करोड़ रुपए का कर्ज है। राजकोषीय घाटा ९९ हजार २८८ करोड़ रुपए से ज्यादा है। कुप्रबंधन के कारण राज्य दिवालियापन की ओर बढ़ रहा है। वेतन, पेंशन, ब्याज से घाटा बढ़ रहा है। विभिन्न योजनाओं पर अपेक्षित व्यय से प्रत्यक्ष व्यय कम हो गया है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग का खर्च २७ फीसदी कम हुआ है। उद्योग विभाग का खर्च ४७ प्रतिशत, सिंचाई विभाग का ३३ प्रतिशत कम हुआ है। विकास कार्यों को हाथ में नहीं लिया जाता है। राज्य में निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाने की जरूरत है। राजेश टोपे ने आलोचना करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा बजट में किए गए वादे के साथ अंतरिम बजट पूरी तरह से हवा- हवाई बातें हैं।

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