सामना संवाददाता / मुंबई
३० वर्षों में पहली बार इस महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है। इस बार ६५.१ प्रतिशत मतदान हुआ, जो राज्य की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है। राजनीति के जानकारों का मानना है कि जब-जब चुनाव में मतदान का प्रतिशत बढ़ता है, तब-तब सत्ता परिवर्तन होता है। ऐसे में यह साफ संकेत है कि राज्य में महाविकास आघाड़ी की सत्ता आ रही है।
बता दें कि पहली बार शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), कांग्रेस, राकांपा (शरदचंद्र पवार) भाजपा, अजीत व शिंदे गुट के रूप में ६ प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ अन्य छोटे दल भी चुनावी मैदान में उतरे हैं। सभी पार्टियों ने मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक लाने के लिए व्यापक प्रयास किए। इस बंपर वोटिंग के चलते लगभग १०० विधानसभा सीटों पर बेहद कड़े मुकाबले की संभावना जताई जा रही है। लोकसभा चुनाव २०२४ में भी महाराष्ट्र के मतदाताओं ने भारी मतदान किया था, जिसका फायदा महाविकास आघाड़ी को मिला था।
मतदाताओं की संख्या में वृद्धि
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, २०२४ में मतदाताओं की संख्या में वृद्धि हुई। २०१९ के विधानसभा चुनाव में ८.८५ करोड़ मतदाता थे, जो अब बढ़कर ९.६९ करोड़ हो गए हैं। इसके साथ ही महाराष्ट्र में अभी तक का यह ट्रेंड रहा है कि मतदान प्रतिशत बढ़ने पर सत्ता परिवर्तन होता है।
इस बंपर वोटिंग के चलते लगभग १०० विधानसभा सीटों पर बेहद कड़े मुकाबले की संभावना जताई जा रही है। लोकसभा चुनाव २०२४ में भी महाराष्ट्र के मतदाताओं ने भारी मतदान किया था, जिसका फायदा महाविकास आघाड़ी को मिला था।
४ फीसदी ज्यादा मतदान पर बदल गई थी सत्ता!
वर्ष १९९५ में राज्य में ७१.६९ प्रतिशत मतदान हुआ था। उस वक्त पहली बार गैर-कांग्रेसी सरकार शिवसेना-भाजपा गठबंधन के रूप में सत्ता में आई थी। इसी तरह २०१४ में भी मतदान प्रतिशत में ४ प्रतिशत की वृद्धि हुई थी, जिसका असर राज्य की राजनीति पर पड़ा था और सत्ता परिवर्तन हुआ था।
विशेषज्ञों के अनुसार, महाविकास आघाड़ी ने इस बार बेहद आक्रामक प्रचार किया है। भाजपा की ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ और ‘एक हैं तो सेफ हैं’ जैसी रणनीतियों ने चुनावी माहौल गर्म किया। जिसके चलते मुस्लिम संगठनों द्वारा महाविकास आघाड़ी के समर्थन में पूरा जोर लगा दिया और महाविकास आघाड़ी के लिए उसने पूरी ताकत झोंक दी, तो वही समझदार हिंदू समाज के मतदाताओं ने भी महाविकास आघाड़ी को जमकर मतदान किया, ऐसा दावा किया जा रहा है। बता दें कि २०२४ के लोकसभा चुनाव में ६१.३९ प्रतिशत मतदान हुआ, जिसमें महाविकास आघाड़ी को ४३.९१ प्रतिशत और महायुति को ४२.१७ प्रतिशत वोट मिले। अब विधान सभा चुनाव में महाविकास आघाड़ी को वोट प्रतिशत का आंकड़ा लोकसभा चुनाव से ज्यादा होने का दावा किया जा रहा है। महाविकास आघाड़ी का मानना है कि अब राज्य में उनकी सत्ता आएगी।