मुख्यपृष्ठनए समाचारमहायुति आई, महंगाई लाई! ...ऑटो-टैक्सी वालों ने की किराया बढ़ाने की मांग

महायुति आई, महंगाई लाई! …ऑटो-टैक्सी वालों ने की किराया बढ़ाने की मांग

-महंगाई में और दबे मुंबईकर
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई में एक बार फिर से महंगाई का मीटर डाउन हो गया है। महानगर गैस लिमिटेड ने एक महीने में दूसरी बार सीएनजी की दरों में एक रुपए की बढ़ोतरी की है। एमजीएल ने एक महीने में सीएनजी की दर को दूसरी बार बढ़ाया है। इससे पहले २४ नवंबर को सीएनजी के दाम दो रुपए प्रति किलो बढ़ाए गए थे। दूसरी तरफ सीएनजी की कीमतों में बढ़ोतरी से परेशान रिक्शाचालकों ने किराए में वृद्धि किए जाने की मांग करने लगे हैं। उनका कहना है कि सीएनजी की कीमतों में बढ़ोतरी तो हो रही है, लेकिन किराया यथास्थिति में बना हुआ है। इससे उनका मुनाफा कम होते जा रहा है और परिवार के भरण-पोषण में भी दिक्कतें आ रही हैं। उल्लेखनीय है कि कल एक बार फिर सीएनजी की कीमत में एक रुपए प्रति किलो की बढ़ोतरी की गई। इससे मुंबई में प्रति किलो सीएनजी के लिए ७७ रुपए की जगह ७८ रुपए चुकाने होंगे।

रिक्शा का न्यूनतम किराया होगा २६ रुपए
-किराए में ३ रुपए बढ़ोतरी की मांग

मुंबई में रिक्शा, टैक्सी, बस जैसे सार्वजनिक परिवहन वाहन सीएनजी पर निर्भर हैं इसलिए इन वाहनों को सीएनजी के लिए अधिक भुगतान करना होगा और इसका बोझ मुंबईकरों को उठाना होगा।
मूल्य वृद्धि के संबंध में महानगर गैस लिमिटेड के अधिकारियों ने कहा कि एमजीएल अतिरिक्त बाजार मूल्य के साथ प्राकृतिक गैस का आयात कर रही है। गैस की कीमत एक रुपए प्रति किलो बढ़ाने का पैâसला लिया गया। मुंबई शहर सहित पूरे एमएमआर में १० लाख से अधिक वाहन सीएनजी र्इंधन से चलते हैं। हालांकि, अब जबकि सीएनजी के दाम बढ़ गए हैं, ऐसे में सार्वजनिक वाहनों में से रिक्शा चालकों की युनियनों ने किराए में तीन रुपए की बढ़ोतरी की मांग की है। अगर यह मांग मान ली गई तो रिक्शा का न्यूनतम किराया २३ रुपए से बढ़कर २६ रुपए हो जाएगा। इसी के साथ रिक्शा के बाद टैक्सी और अन्य वाहनों का किराया भी बढ़ सकता है इसलिए संभावना है कि इसका बोझ मुंबईकरों की जेब पर पड़ेगा।

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