सामना संवाददाता / मुंबई
मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना को लेकर अब महायुति सरकार बैरी रुख अपना रही है। बताया गया है कि महिला व बाल विकास विभाग ने आवेदनों की फिर से जांच शुरू कर दी है। ऐसे में जिन महिलाओं ने मानदंडों को पूरा नहीं किया है अथवा फर्जी दस्तावेज जमा किए हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इससे राज्य की कई लाडली बहनों में भय का माहौल पसर गया है। ऐसे में कुछ महिलाएं मिले इस लाभ को अस्वीकार कर रही हैं। इस बीच फर्जी दस्तावेजों के आधार पर योजना का लाभ लेने वाली कुछ लाडली बहनों के खिलाफ पुलिस में आधिकारिक तौर पर मामला भी दर्ज किया गया है। इस तरह की जानकारी खुद महिला और बाल कल्याण मंत्री अदिति तटकरे ने सोशल मीडिया एक्स के अपने एकाउंट पर साझा की है।
उल्लेखनीय है कि जनवरी २०२५ तक इस योजना के तहत लाभार्थी प्रत्येक महिलाओं के बैंक खातों में १,५०० रुपए की सात किस्तें जमा कराई गई हैं, जिससे सभी को कुल १०,५०० रुपए का लाभ मिला है। हालांकि, पात्र लाभार्थियों की जांच शुरू होने पर कार्रवाई के डर से कई महिलाएं योजना का लाभ लेने से इनकार कर रही हैं। जनवरी महीने की किस्त कुछ दिन पहले ही सभी महिलाओं के खातों में जमा की गई है। हालांकि, सरकार अब बहनों के साथ सौतेला व्यवहार करते हुए योजना में मानदंडों को पूरा न करने वाली महिलाओं के खिलाफ कार्रवाई कर रही है।
शुरू हुई कार्रवाई
मुख्यमंत्री मेरी लाडली बहन योजना के तहत फर्जी लाभार्थियों को पंजीकृत करने की अनियमितता स्थानीय आंगनवाड़ी सेविकाओं की सजगता के कारण सितंबर महीने में आवेदनों की जांच के दौरान सामने आई थी। इस संबंध में ४ अक्टूबर को पुलिस में आधिकारिक तौर पर मामला दर्ज किया गया है। अदिती तटकरे ने कहा है कि गहन जांच करके उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कानूनी प्रक्रिया शुरू की गई है। महिला और बाल विकास विभाग आवेदकों की जांच के मामले में अत्यंत सतर्क है और किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा रही है।
ये महिलाएं हो सकती हैं अपात्र
सरकारी योजनाओं का लाभ लेने वाली और जिनके परिवार की वार्षिक आय अपेक्षाकृत अधिक है, ऐसी महिलाएं लाडली बहन योजना के तहत अपात्र हो सकती हैं। लाडली बहन योजना के तहत सरकार द्वारा दिए जाने वाले लाभ को छोड़ने के लिए जिला महिला और बाल विकास अधिकारी कार्यालय में आवेदन करना होगा। इस बीच शहर की कुछ महिलाओं ने मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना के तहत मिलने वाले वित्तीय लाभ को छोड़ने के लिए आवेदन किया है। हालांकि, अधिकारियों ने बताया है कि अभी तक इसका कोई सटीक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है।