सामना संवाददाता / मुंबई
दिवाली के बाद भी महाराष्ट्र एसटी (महाराष्ट्र राज्य परिवहन) के कर्मचारियों को उनके दिवाली बोनस से वंचित रखा गया है। एसटी प्रशासन ने १५ अक्टूबर को सरकार से मांग की थी कि कर्मचारियों और अधिकारियों को ६,००० रुपए दिवाली बोनस के रूप में दिए जाएं। इसके लिए ५२ करोड़ रुपए का प्रस्ताव भेजा गया था। हालांकि, इस प्रस्ताव को सरकार से स्वीकृति नहीं मिली। इसके तुरंत बाद आचार संहिता लागू हो जाने के कारण बोनस जारी करने में बाधा उत्पन्न हो गई।
एसटी प्रशासन ने ८ नवंबर को चुनाव आयोग को पत्र लिखकर इस राशि को अपने फंड से वितरित करने की अनुमति मांगी थी, लेकिन एक हफ्ते से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद चुनाव आयोग की ओर से कोई जवाब नहीं आया। इस देरी के कारण एसटी कर्मचारियों में असंतोष बढ़ता जा रहा है। श्रीरंग बरगे ने कहा कि बढ़ती महंगाई के बीच दिवाली बोनस कर्मचारियों के लिए राहत का काम करता। एसटी कर्मचारी किसी विशेष निर्वाचन क्षेत्र में केंद्रित नहीं हैं, बल्कि पूरे राज्य में पैâले हुए हैं। इसके अलावा, विधानसभा चुनावों में इनकी संख्या नगण्य है, जिससे यह मामला चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित नहीं करता। इसके बावजूद चुनाव आयोग द्वारा पैâसला न लेना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।