मुख्यपृष्ठनए समाचारमहायुति सरकार ने मनपा को किया कंगाल!..स्वामित्व वाले भूखंड को करेगी नीलाम...राजस्व...

महायुति सरकार ने मनपा को किया कंगाल!..स्वामित्व वाले भूखंड को करेगी नीलाम…राजस्व बढ़ाने का है लक्ष्य

सामना संवाददाता / मुंबई

राज्य में ईडी सरकार मुंंबई महानगरपालिका को कंगाल करने की एक सोची-समझी रणनीति पर काम कर रही है। यह काम मनपा में नियुक्त प्रशासक के माध्यम से किया जा रहा है। मनपा की तिजोरी पर डाका डालने में आसानी रहे इसलिए सरकार की ओर से मनपा चुनाव भी नहीं कराया जा रहा है। क्योंकि चुनाव होने के बाद कोई भी फंड मनपा से पाने के लिए चुनी हुई बॉडी के अनुमति आवश्यक होगी।
पिछले कई सालों से मनपा चुनाव न होने के कारण मनपा की बागडोर सरकार के हाथ में है। ईडी सरकार आने के बाद मनपा की एफडी तोड़ने से लेकर अन्य सभी प्रकार के राजस्व पर सरकार कथित रूप से डाका डालने का काम कर रही है। परिणामस्वरूप मनपा की तिजोरी खाली हो गई है इसलिए मुंबई मनपा ने राजस्व बढ़ाने के लिए अपने स्वामित्व वाले भूखंडों की नीलामी करने का निर्णय लिया है। इस उद्देश्य के लिए जारी निविदा पर डेवलपर्स की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली इसलिए मनपा ने इन भूखंडों की नीलामी के लिए पुन: निविदा जारी की है। हालांकि, इस बार भूखंडों के आधार मूल्य में ५० प्रतिशत की कमी की गई है। इस बात पर सवाल उठाए गए हैं कि आधार मूल्य वैâसे कम किया गया और क्या मूल्य में कमी के कारण मनपा को घाटा होगा।
पुन: निविदा की नौबत
मुंबई मनपा ने पहले तीन भूखंडों की नीलामी करने का निर्णय लिया था-कॉफर्ड मार्वेâट में छत्रपति शिवाजी महाराज मंडई भूखंड, मालाबार हिल में बेस्ट रिसीविंग स्टेशन भूखंड और वर्ली में डामर संयंत्र भूखंड। इसके लिए निविदाएं भी आमंत्रित की गर्इं थी। कुछ डेवलपर्स ने भी इन निविदाओं में रुचि दिखाई थी। हालांकि, उनमें से किसी ने भी बोली प्रस्तुत नहीं की। मनपा का यह प्रयोग पहले प्रयास में ही विफल हो गया। इसलिए मनपा प्रशासन ने अब दोबारा टेंडर आमंत्रित किए हैं।
भूखंडों की नीलामी क्यों?
एक धनी मनपा के रूप में पहचानी जाने वाली मुंबई मनपा की आय का स्रोत घट रहा है तथा वर्तमान में इसके पास अपनी आय बढ़ाने के लिए कोई नया बड़ा स्रोत नहीं है। मनपा के पास आय के दो महत्वपूर्ण स्रोत हैं। संपत्ति कर और विकास योजना, यानी पुनर्विकास से आय। संपत्ति कर के कर ढांचे में सुधार नहीं होने के कारण संपत्ति कर संग्रह में वृद्धि नहीं हुई है।

अन्य समाचार